ज 27 अक्टूबर दिन गुरुवार को भाई दूज का त्योहार मनाया जा रहा है. इस दिन भाई बहन के घर जाते हैं. बहन उनका स्वागत करती हैं, तिलक लगाती हैं और भोजन कराती हैं, साथ ही भाई के सुखी जीवन की प्रार्थना करती हैं. आज के दिन यमराज की भी पूजा की जाती है. कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमराज पहली बार अपनी बहन यमुना के घर गए थे, तब से ही इस तिथि को यम द्वितीया या भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. यह दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं भाई दूज के शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में.
भाई दूज 2022 शुभ मुहूर्त
कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि का प्रारंभ: 26 अक्टूबर, दोपहर 03 बजकर 35 मिनट से
कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि का समापन: आज, 27 अक्टूबर, दोपहर 02 बजकर 12 मिनट पर
भाई को तिलक करने का शुभ समय: आज सुबह 07 बजकर 18 मिनट से दोपहर 02 बजकर 12 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: आज दोपहर, दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से कल सुबह 06 बजकर 30 मिनट तक
तिलक लगाने का मंत्र
केशवानन्न्त गोविन्द बाराह पुरुषोत्तम।
पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु।।
कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम्।
ददातु चन्दनं नित्यं सततं धारयाम्यहम्।।
भाई दूज पूजा मंत्र
गंगा पूजे यमुना को,
यमी पूजे यमराज को,
सुभद्रा पूजा कृष्ण को,
गंगा यमुना नीर बहे,
मेरे भाई की आयु बढ़े.
भाई दूज पूजा विधि
1. आज प्रात: स्नान करने के बाद भगवान विष्णु, गणेश जी और यम का पूजन करें.
2. शुभ मुहूर्त में भाई को भोजन और तिलक के नलिए आमंत्रित करें.
3. शुभ समय में भाई को पूर्व की ओर मुख करके आसन पर बैठाएं.
4. फिर मंत्रोच्चार के साथ भाई के माथे पर चंदन और अक्षत् से तिलक करें. उसके पश्चात हाथ में रक्षा सूत्र बांधें.
5. इसके बाद भाई की आरती उतारें और मिठाई खिलाएं.
6. उम्र के अनुसार, भाई और बहन एक दूसरे से आशीर्वाद लें या दें. बहन भाई की लंबी आयु और सुखी जीवन की प्रार्थना करें.
7. इसके पश्चात भाई को भोजन कराएं. बहन से विदा लेते समय भाई उनको कुछ उपहार में दे सकते हैं.