जामताड़ा : राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत विश्व यक्षमा दिवस पर सिविल सर्जन डॉक्टर आनंद मोहन सोरेन ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि यक्ष्मा मुक्त भारत बनाने के लिए पहले पंचायत को यक्ष्मा मुक्त करना होगा।
डॉक्टर सोरेन ने बताया कि जामताड़ा जिला को वर्ष 2025 में टी बी मुक्त बनाने का संकल्प है, और इसके लिए पंचायत स्तर पर संभावित मरीजों के जांच की व्यवस्था सुनिश्चित करनी है और लोगों को जागरूक बनाना है।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार मरीज को मुफ्त इलाज के साथ पोषण की भी व्यवस्था उपलब्ध करा रही है। सिविल सर्जन ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में जुड़े विभिन्न सहायता समूह, एनजीओ, ट्रस्ट, स्वास्थ्य संगठन, निजी अस्पताल सभी से सहयोग लेने की बात कही।
डॉक्टर सोरेन ने बताया कि टीबी के लक्षणों में दो सप्ताह से ज्यादा खांसी, बुखार, वजन कम होना, रात को पसीना आना, खांसी के समय बलगम आना तथा कभी-कभी बलगम के साथ खून आना शामिल हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि यदि किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखाई दें, तो वह तुरंत स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराएं।
इस मौके पर डॉक्टर डीसी मुंशी, आशीष कुमार चौबे सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित थे। डॉक्टर सोरेन ने बताया कि जामताड़ा जिले में टीबी के मरीजों की संख्या में कमी आ रही है, लेकिन अभी भी बहुत काम करना बाकी है। उन्होंने लोगों से सहयोग करने की अपील की।
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