रांची: मुक्ति संस्था का गठन 2014 में हुआ था. जिसका उद्देश्य था कि रिम्स में लावारिस शवों का अंतिम संस्कार रिति रिवाज के साथ हो. और आज इसी उद्देश्य को आगे बढ़ाते हुए मुक्ति संस्था ने अब तक 1655 शवों को मुक्ति दिलाई है. बता दें कि 26 नवंबर को रांची के जुमार नदी के किनारे 32 लावारिश शवों का पूरे विधि विधान से अंतिम संस्कार किया गया. मुक्ति संस्था के सदस्यों ने रिम्स के मार्च्युअरी से लावारिस शवों को निकाला. इसके बाद प्रोपर  तरीके से पैक कर जुमार तट तक पहुंचाया. संस्था के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने अज्ञात शवों को मुखाग्नि दी. उन्होंने कहा कि मुक्ति संस्था नौ वर्षों से लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर रही है. इस दौरान परमजीत सिंह टिंकू, रवि अग्रवाल, रतन अग्रवाल, आशीष भाटिया, संदीप कुमार, अरुण कुटारियार समेत अन्य मौजूद थे.

शवों की सूचना देता है रिम्स

मुक्ति संस्था हर ढाई महीने में लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कराता है. अब व्यवस्था ऐसी बन गई है कि ढाई महीने में जैसे ही कुछ शव जमा हो जाते हैं, रिम्स प्रबंधन इसकी सूचना मुक्ति संस्था को देता है. संस्था के लोग सेवा भाव से और पुण्य काम समझते हुए जिम्मेदारी पूर्वक इस काम को करते हैं. इस कार्य में खर्च का वहन संस्था के लोग सामूहिक रूप से उठाते हैं. अध्यक्ष का कहना है कि संस्था की कोशिश है कि कोई भी शव लावारिस ना रहे. इसके लिए सरकार-पुलिस और अस्पताल से लगातार आग्रह किया जाता है कि आधार के माध्यम से बायोमेट्रिक पहचान के जरिये लोगों की शिनाख्त की कोशिश हो. इससे वैसे लोगों को भी जानकारी मिल सकेगी जिनके परिजनों की मौत हो चुकी है.

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