जामताड़ा: एकल अभियान वन बंधु परिषद धनबाद संभाग के प्रयास से सामूहिक विवाह अनुष्ठान का आयोजन किया गया है. जामताड़ा एकल अभियान अंचल के द्वारा 21 जोड़ों का सामूहिक विवाह करवाया जा रहा है. नरसिंह बांध बालाजी धाम के रजत जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य पर 108 कन्याओं का सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया है. उक्त कार्यक्रम का आयोजन नरसिंह बांध बालाजी धाम बर्णपुर आसनसोल पश्चिम बंगाल में किया जा रहा है. इस सामूहिक विवाह में पूरे जामताड़ा जिले से 21 वर- वधू की जोड़ियों का सामुहिक विवाह कराया जाएगा. इसमें मुख्य रूप से एकल अभियान जामताड़ा अंचल के अध्यक्ष प्रयागराज अग्रवाल, उपाध्यक्ष सुमन दास, सचिव संजय परशुरामका मुख्य भूमिका निभा रहे हैं. सचिव संजय परशुरामका ने कहा कि वनवासी जनजाति आदिवासी कन्याओं के सामूहिक विवाह अनुष्ठान आयोजन है. इसमें जामताड़ा जिला से भी आदिवासी बेटीयां शामिल होंगे. जामताड़ा अंचल की 21 कन्याओं को परिणयोत्सव में शामिल किया जाएगा. शादी के रस्म में होने वाले सभी खर्च एकल अभियान के द्वारा किया जा रहा है. इसमें शादी के रस्म में सभी सामग्री का वितरण किया गया. सदस्यों के द्वारा सभी वर वधु एवं परिजनों को शनिवार को रवाना किया गया. यह वैवाहिक कार्यक्रम 13 दिसंबर से 15 दिसंबर तक संचालित है. कहा कि सामूहिक विवाह आयोजन से गरिब आदिवासियों के विवाह में मदद मिलेंगे. कार्यक्रम में बालाजी धाम से कलश यात्रा के बाद राम कथा शुरू होगी. जिसमें हजारों भक्तजन शामिल होंगे. 13 दिसंबर से बंगाली परंपरा से सामूहिक विवाह, 14 दिसंबर को बिहारी परंपरा से सामूहिक विवाह एवं 15 दिसंबर को मारवाड़ी परंपरा से सामूहिक विवाह किया जाएगा. अभियान के जामताड़ा आंचल अध्यक्ष प्रयागराज अग्रवाल ने बताया कि एकल अभियान, ग्रामीण और आदिवासी भारत के विकास के लिए कई संगठनों द्वारा चलाया जाने वाला आंदोलन है. एकल अभियान के तहत आरोग्य योजना, ग्राम विकास, जागरण शिक्षा, संस्कार केंद्र, और एकल विद्यालय चलाए जाते हैं. एकल विद्यालय, वनवासी और पिछड़े क्षेत्रों के विकास की योजना है. एकल अभियान का मकसद, शहरी इलाकों के लोगों को ग्रामीण और आदिवासी इलाकों के लोगों से जोड़ना है।एकल अभियान के तहत, ग्रामवासियों को कृषि, वन संरक्षण, पौधरोपण, जैविक खाद प्रयोग, प्रकृति संरक्षण,गौमूत्र से कीट नियंत्रण, जल संरक्षण, फल-सब्ज़ी उत्पादन जैसे कामों का प्रशिक्षण दिया जाता है. एकल अभियान के तहत, ग्रामवासियों को जागरूकता शिक्षा के ज़रिए शासकीय योजनाओं के बारे में बताया जाता है. उसका लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया जाता है. एकल अभियान के तहत, ग्रामवासियों और बच्चों को संस्कार शिक्षा भी दी जाती है.