Joharlive Team
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संज्ञान लेते हुए अनुशंसा की, कहा- क़ानून जनता को डराने के लिए नहीं
रांचीः सीएए और एनसीआर के विरोध में जुलूस निकालने पर धनबाद, वासेपुर के तीन हजार लोगों पर लगी राजद्रोह की धारा को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निरस्त कर दिया। बुधवार देर रात ट्वीट कर उन्होंने यह जानकारी दी। लोगों पर से धारा हटाने के साथ ही मुख्यमंत्री ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी अनुशंसा की है।
मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा है कि क़ानून जनता को डराने के लिए नहीं, बल्कि आम जन-मानस में सुरक्षा का भाव उत्पन्न करने के लिए होता है। मेरे नेतृत्व में चल रही सरकार में क़ानून जनता की आवाज़ को बुलंद करने का कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि मैं झारखंड के सभी भाइयों/बहनों से अपील करना चाहूँगा की राज्य आपका है, यहाँ के क़ानून व्यस्था का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है।
सात नामजद लोगों पर लगी थी धारा –
धनबाद के एसडीएम राजमहेश्वरम के आदेश पर सीओ प्रशांत कुमार लायक ने धनबाद थाने में प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें सात नामजद और 3000 अज्ञात लोग शामिल थे। जानकारी के अनुसार जुलूस के लिए अनुमति नहीं ली गयी थी। नामजदों की पहचान पुलिस ने वीडियो फुटेज के आधार पर की थी।
पहले भी 10 हजार लोगों पर से हटाया गया है देशद्रोह का केस –
हेमंत सोरेन ने सरकार में आते ही 10 हजार आदिवासियों के उपर से देशद्रोह का केस वापस लिया था। ऐसा उन्होंने अपनी पहली कैबिनेट की बैठक में किया था। वह मुद्दा पथलगढ़ी से जुड़ा था और यह सीएए से दोनों ही बिंदुओं पर हेमंत सोरेन ने काफी कुछ स्पष्ट कर दिया है।