रांची: एचईसी के श्रमिक नेता रहे राणा संग्राम सिंह के बेटे यशवंत सिंह हत्याकांड मामले का मुख्य आरोपी अमर सिंह समेत 3 आरोपी दोषी करार दिए गए हैं. बता दे अब 21 सितंबर को सजा सुनाई जाएगी. वहीं एक आरोपी ओम प्रकाश उर्फ गुड्डू साक्ष्य के अभाव में बरी हो गया. अपर न्याययुक्त योगेश कुमार सिंह की कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है. अमर सिंह, वंश नारायण सिंह और रणधीर सिंह दोषी है. हत्याकांड की घटना पारिवारिक विवाद में हुई थी. 40 बीघा जमीन और कैमूर किंग बस के संचालन को लेकर उनका विवाद चल रहा था. बता दें कि मुख्य आरोपी अमर सिंह मृतक यशवंत सिंह के बड़े भाई राम इकबाल सिंह का दामाद है. हत्याकांड को लेकर धुर्वा थाना में 2 प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
बता दें कि 10 अक्टूबर 2015 को यशवंत सिंह और राणा प्रताप सिंह दोनों भाई घर के पास मॉर्निंग वॉक कर रहे थे. तभी अमर सिंह अपनी गाड़ी से पहुंचा था. यशवंत सिंह और राणा प्रताप सिंह के द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराने की बात को लेकर बकझक शुरू हो गया. जिसके बाद दोनों पक्ष उलझ पड़े. तभी अमर सिंह ने अपनी कार से हॉकी स्टिक निकालकर दोनों भाइयों पर हमला कर दिया. मौके पर यशवंत ने खुद की पिस्टल से फायरिंग शुरू कर दी. तभी अमर सिंह ने लाइसेंसी रायफल से यशवंत को गोली मार दी. जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी. वहीं राणा प्रताप सिंह घायल हो गए थे. घटना के बाद अमर सिंह ने पुलिस के समक्ष खुद को सरेंडर कर दिया था.