Joharlive Desk
नयी दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण लॉकडाउन के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने विभिन्न प्रकार के ऋण के साथ ही कार्यशील पूंजी पर ब्याज की किश्त चुकाने से तीन महीने की और राहत देने की घोषणा की है।
केन्द्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के लिए गये निर्णयों की जानकारी देते हुये आज संवाददाताओं से कहा कि कर्ज की किश्ते चुकाने में राहत को अगस्त तक बढ़ाने का फैसला किया गया है। पूरे देश में लॉकडाउन की अवधि 31 मई तक बढ़ाए जाने के मद्देनजर केंद्रीय बैंक ने यह निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि कार्यशील पूंजी पर ब्याज के भुगतान पर तीन और महीने की राहत दी जा रही है। अब 31 अगस्त तक इस पर ब्याज का भुगतान नहीं करना होगा। इसके साथ ही इस बकाये ब्याज का भुगतान को सावधि ऋण में बदल दिया जायेगा जिसका भुगतान चालू वित्त वर्ष में ही करना होगा। यह भुगतान 31 मार्च 2021 तक करना होगा।
श्री दास ने कहा कि इसके साथ ही इस श्रेणी में आने वाले ऋण को गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) धोषित करने के वर्गीकरण में भी बदलाव किया जा रहा है।
श्री दास ने कहा कि रेपो दर और रिवर्स रेपो दर में 40 आधार अंकों की कमी किये जाने के साथ ही कर्ज चुकाने में भी राहत देने की अवधि बढ़ायी गयी है। पहले भी तीन महीने की मई तक की छूट दी गयी थी।
आरबीआई ने मार्च से लेकर मई तक सभी सावधि ऋण के भुगतान पर तीन महीने की छूट दी थी। तीन और महीनों के लिए राहत मिलने से अब अगस्त तक भुगतान करना जरूरी नहीं होगा।