Joharlive Desk
जम्मू: श्रीनगर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में तीन आतंकी मारे गए हैं। श्रीनगर के बटमालू इलाके में बुधवार देर रात शुरू हुई मुठभेड़ आज सुबह तक जारी रही। पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने मोर्चा संभाला और आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने तीनों आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि उनके शवों को कब्जे में ले लिया गया है। उनके पास से कई तरह के हथियार भी बरामद किए गए हैं।
उन्होंने मुठभेड़ के दौरान एक नागरिक की मौत पर अफसोस जताया और बताया कि सीआरपीएफ के एक डिप्टी कमांडेंट घायल हो गए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है और फिलहाल निगरानी में हैं।
उन्होंने बताया कि श्रीनगर में इस वर्ष अब तक सात ऑपरेशनों में 16 आतंकियों को ढेर किया जा चुका है। कुल आंकड़ों की बात की जाए तो इस वर्ष अब तक 72 ऑपरेशन चलाए गए, जिनमें 177 आतंकियों का सफाया हुआ। इनमें पाकिस्तान के भी कई आतंकी शामिल थे।
वहीं, आज हुई मुठभेड़ के संबंध में अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने बटमालू के फिरदौसाबाद इलाके में देर रात करीब ढाई बजे घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया था। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की जिसके बाद तलाशी अभियान मुठभेड़ में तब्दील हो गया था।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को हिजबुल मुजाहिद्दीन आतंकी संगठन के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि कश्मीर के तीन युवकों का एक संगठन पाकिस्तानी आतंकी के संपर्क में है।
संगठन के तीनों युवकों की पहचान गुटलीबाग निवासी अर्शिद अहमद खान, गांदरबल निवासी माजिद रसूल और मोहम्मद आसिफ नजर के रूप में की गई। तीनों लोग पाकिस्तानी आतंकी फयाज खान के संपर्क में थे। वही उन्हें इलाके में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के निर्देश देता था।
इस ऑपरेशन को गांदरबल पुलिस और 5 आरआर की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया था। गिरफ्तारी के बाद तीनों से पूछताछ की गई जिसमें उनकी निशानदेही पर हथियार और इलैक्ट्रिक उपकरण बरामद किए गए।
उनके संगठन को पाकिस्तानी आका द्वारा आसपास के इलाकों में सुरक्षाबलों पर हमले के निर्देश दिए जाते थे। तीनों के खिलाफ गांदरबल पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया है।
गांदरबल एसएसपी खलील अहमद पोसवाल ने पूरे ऑपरेशन की जानकारी देते हुए बताया था कि घाटी के युवाओं को चिन्हित करके सीमा पार बैठे आतंकी अपने संगठनों में शामिल करने का प्रयास करते रहते हैं।
उनसे तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए संपर्क किया जाता है और युवाओं के अभिभावकों को इसकी भनक तक नहीं लगती। उन्होंने बताया कि पुलिस इस संबंध में गहन जांच-पड़ताल कर रही है।