धनबाद:गणित और कंप्यूटिंग विभाग द्वारा आईआईटी (आईएसएम) धनबाद में मॉडलिंग, विश्लेषण और सिमुलेशन पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आज विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभागियों को झिझक छोड़ने एवं स्वयं पर लगाए गए अवरोधों से बाहर आनेऔर ज्ञान प्राप्त करेने के लिए विशेषज्ञों से बातचीत करने और के उपदेश के साथ संपन्न हुआ. यह अवसर आज शाम संस्थान के गोल्डन जुबली लेक्चर थियेटर में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम के समापन समारोह का था. जिसमें आईआईटी खड़गपुर के प्रख्यात गणितज्ञ प्रोफेसर ईजीपी राजशेखर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. जबकि प्रोफेसर एमके सिंह, डीन (अकादमिक) ने समारोह की अध्यक्षता की. प्रतिभागियों की सभा को संबोधित करते हुए, प्रोफेसर राजशेखर ने कहा, “विज्ञान में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण मानदंड प्रश्न पूछने के डर और विशेषज्ञों से बात करने की झिझक आदि को दूर करना है. कहा कि सभी समान हैं इसलिए ज्ञान प्राप्त करने की प्रक्रिया में किसी को भी किसी से डरने की जरूरत नहीं है.उन्होंने आगे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षा की अंतःविषय प्रकृति के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा, “वे दिन गए जब केवल कोर बीजगणित में रहने वाले लोग ही बीजगणितीय अभ्यास करने के लिए लगे हुए थे. लेकिन अब अधिकांश कॉम्बिनेटरिक्स हैं जो बीजगणितीय असाइनमेंट और इसके विपरीत के लिए लगे हुए हैं और कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि विभाग अन्य प्रासंगिक डोमेन के विशेषज्ञों के लिए खुल रहे हैं.
राजशेखर ने आगे कहा, “इस प्रकार चीजें बदल रही हैं और गणितज्ञ की भूमिका सीमित नहीं है, जबकि यह दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. कहा कि नेशनल मिशन फॉर इंटरडिसिप्लिनरी साइबर फिजिकल सिस्टम (लगभग 4000 करोड़ रुपये) और नेशनल क्वांटम मिशन ( लगभग 6000 रुपये) में गणितज्ञों के लिए बहुत बड़ा अवसर होगा और यह गणित के एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है बल्कि विभिन्न क्षेत्रों के गणितज्ञों की आवश्यकता है.
प्रोफेसर एमके सिंह, डीन (अकादमिक) ने अपने अध्यक्षीय भाषण के दौरान कहा, “इस तरह के आयोजन किसी संस्थान के लिए आउटरीच गतिविधि के उद्देश्य को पूरा करते हैं क्योंकि शिक्षण, अनुसंधान, आउटरीच और सहकर्मी धारणाएं किसी भी संस्थान के पाठ्यक्रम के बहुत महत्वपूर्ण तत्व हैं. उन्होंने आगे कहा कि इस प्रकार की गतिविधियाँ समय की आवश्यकता हैं और आजकल सभी विभागों को बहुत सारी सार्थक गतिविधियाँ करने के निर्देश दिए गए हैं, उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए सुधार और परिवर्तन बुनियादी आवश्यकता है. प्रोफेसर आरके उपाध्याय, विभागाध्यक्ष, गणित एवं कंप्यूटिंग, जो सम्मेलन के अध्यक्ष भी हैं, ने अपने विभाग के गौरवशाली इतिहास और सम्मेलन की पृष्ठभूमि के बारे में भी प्रकाश डाला. सम्मेलन के संयोजक प्रोफेसर संजीव आनंद साहू ने सम्मेलन की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि “तीन दिवसीय सम्मेलन में अनुसंधान विद्वानों और संकाय सदस्यों सहित प्रतिभागियों द्वारा कुल 81 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए. जिनमें एनआईटी रायपुर, एनआईटी आंध्र प्रदेश, आईआईटी गुवाहाटी के प्रतिभागी शामिल थे. आईआईटी दिल्ली” और 16 प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने भी सम्मेलन में भाग लिया.