नई दिल्ली : दिल्ली की सड़कों पर ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों की शामत आने वाली है. दिल्ली सरकार का ट्रांसपोर्ट विभाग सड़कों पर स्मार्ट कैमरे लगवाने जा रहा है, जिनकी मदद से ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को रोकने में मदद मिलेगी. करीब 50 करोड़ रुपये की लागत के इस प्रोजेक्ट को तीन साल के भीतर पूरा किया जाएगा. ये सभी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस बेस्ड कैमरे होंगे, जो ट्रिपल राइडिंग और ओवरलोडिंग से लेकर ड्राइविंग करते वक्त मोबाइल से बात करने वाले लोगों की भी पहचान कर सकेंगे. ये कैमरे 19 अलग-अलग तरह के ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन का पता लगाकर चालान काटने में सक्षम होंगे.

परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है. तीन चरण के इस प्रोजेक्ट का शिड्यूल साल-दर-साल तय किया गया है. काम मिलने के पहले साल में कंपनी को 20 फीसदी काम पूरा करना होगा.

इस तरह होगी चालान की पूरी प्रक्रिया

ये कैमरे ट्रैफिक रूल तोड़ रही गाड़ियों की नंबर प्लेट को रीड करेंगे. कंपनी ई-चालान जनरेट करेगी. चालान कटने पर गाड़ी के ओनर के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मेसेज जाएगा. यह सिस्टम गाड़ियों के द्वारा किए गए ट्रैफिक उल्लंघन की पूरी हिस्ट्री को ट्रैक करेगा और रिपोर्ट्स देगा. कैमरों की नियम तोड़ने की घटनाओं को पकड़ने की एक्यूरेंसी 95 प्रतिशत होगी. टेंडर दिए जाने के 6 महीने के अंदर कैमरे लगाने होंगे.

5000 जंक्शनों पर लगेंगे कैमरे

अधिकारियों के अनुसार, यह कैमरे दिल्ली के पांच हजार यातायात जंक्शनों पर लगाए जाएंगे. इन स्थानों पर कई कैमरे अलग-अलग कार्य के लिए लगाए जाएंगे. एआई कैमरों का प्रयोग बसों की लेन जांच, ओवरस्पीडिंग, बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट वाले वाहन चालकों, दोपहिया वाहनों पर मोबाइल फोन के उपयोग, लालबत्ती जंप करने, चोरी के वाहनों का उपयोग समेत सभी तरह के यातायात नियमों के उल्लंघन का पता लगाने के लिए होगा. इसमें कैमरा नंबर प्लेट पढ़ लेगा और सिस्टम वाहन के मालिक की पहचान करेगा और अन्य विवरण भी तैयार करेगा. यह भी पता लगाएगा कि वाहन के पास वैध पीयूसीसी है या नहीं.

डाटाबेस से जुड़े होंगे कैमरे

एआई आधारित कैमरे अलग-अलग डाटाबेस से जुड़े होंगे. इसमें जीएसटी, पुलिस, ई-वाहन और वाहन रजिस्ट्री डेटाबेस प्रणाली आदि विभागों के डाटा होंगे. इससे बिना बीमा, उम्र पूरी कर चुके वाहन, ग्रेप के दौरान नियम को तोड़ने वाले वाहन, चोरी के वाहन, बिना बिल के खरीदे गए वाहन, प्रतिबंधित वाहन आदि पर कार्रवाई होगी. इन कैमरों में कई दिनों तक डाटा भंडारण की सुविधा भी होगी. अधिकारियों के अनुसार, पूरी व्यवस्था का संचालन निजी कंपनी करेगी. एआई आधारित कैमरे, उपकरण समेत व्यवस्था को लागू करने के लिए जो भी जरूरी उपकरण है उनका इंतजाम करेगी.

ऐसे होगी निगरानी

प्रोजेक्ट में परिवहन विभाग के साथ ट्रैफिक पुलिस, लोक निर्माण विभाग व स्वास्थ्य विभाग भी शामिल है. इस योजना से सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में भी मदद मिलेगी. यातायात नियमों को तोड़ने वाले वाहन का चालान सिस्टम खुद ही काट देगा. साथ ही वाहन मालिक के पास ई-चालान पहुंच जाएगा. डाटा को ई-चालान प्रणाली के साथ एकीकृत किया जाएगा. दिन, सप्ताह, माह के हिसाब से यातायात का डाटा तैयार किया जाएगा. इससे जाम आदि के स्थानों का भी पता लग सकेगा. सड़क हादसों का भी डाटा निकालने में भी मदद मिलेगी. इस योजना के तहत कमांड कंट्रोल सेंटर बनाया जाएगा और इससे पूरी व्यवस्था की निगरानी की जाएगी. इसमें कई अलग-अगल सर्वर होंगे.

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