रांची : प्रदेश में सामान्य तौर पर इस बीमारी का इलाज उपलब्ध नहीं था. हालांकि कुछ अस्पतालों में थोरैसिक और एसोफैगल कैंसर (फ़ूड पाइप कैंसर) की सर्जरी के माध्यम से इलाज की गई है. लेकिन अब राँची के पारस एचईसी अस्पताल में थोरैसिक और फ़ूड पाइप कैंसर का नियमित रूप से डॉ प्रभात कुमार रैना की निगरानी में सर्जरी की सुविधा उपलब्ध होगी. पारस एचईसी अस्पताल के फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ नीतेश कुमार सहित क्रिटिकल केयर विभाग के प्रमुख डॉ शिव अक्षत, मेडिकल ऑनकोलॉजी विभाग के कंसलटेंट डॉ गौरव कुमार मौजूद रहे. ओंको सर्जन डॉ प्रभात कुमार रैना ने बताया कि थोरैसिक और एसोफैगल कैंसर का इलाज अब रांची के पारस अस्पताल में भी उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां सुविधाएं बढ़ रही है.
तंबाकू के सेवन से बीमारी
फेफड़े की यह बीमारी ज़्यादातर तंबाकू के सेवन से होती है और कैंसर की सबसे ख़तरनाक बीमारियों में से एक है. इस बीमारी का सर्जरी से इलाज संभव है, जो मरीज़ को एक सामान्य जीवन दे सकता है. रांची के पारस एचईसी अस्पताल में कैंसर की उत्कृष्ट सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है. सबसे अधिक पाए जाने वाले कैंसरों में से एक, फेफड़ों का कैंसर तब विकसित होता है जब वायुमार्ग की कोशिकाओं में असामान्य परिवर्तन होते हैं. जैसे-जैसे असामान्य कोशिकाएं बढ़ती हैं और विभाजित होती हैं. वे एक साथ एकत्रित हो सकती हैं और घातक ट्यूमर बना सकती हैं, जो संभावित रूप से आस-पास के ऊतकों पर आक्रमण कर सकते हैं. यदि ट्यूमर कोशिकाएं रक्तप्रवाह या लसीका तंत्र में प्रवेश करती हैं, तो फेफड़ों का कैंसर शरीर के दूर-दराज के क्षेत्रों में भी फैल सकता है.
फेफड़ों के कैंसर का क्या कारण है?
फेफड़ों के कैंसर के अधिकांश मामले तंबाकू के धुएं के संपर्क के कारण पाए जाते हैं. जिसमें जहरीले रसायनों और कार्सिनोजेन्स का एक खतरनाक कॉकटेल होता है. डॉक्टरों ने कहा कि खांसी जो दूर नहीं होती, खूनी खांसी, घरघराहट, सांस लेने में कठिनाई, स्वर बैठना, सांस लेते या छोड़ते समय तेज़ सीटी की आवाज़, ब्रोंकाइटिस या निमोनिया के बार-बार होने वाले प्रकरण कैंसर का कारण हो सकते है. एसोफैगल कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें अन्नप्रणाली के ऊतकों में घातक (कैंसर) कोशिकाएं बन जाती हैं.
लक्षण पर दें ध्यान
फूड पाइप एक खोखली, मांसपेशीय नली है जो भोजन और तरल पदार्थ को गले से पेट तक ले जाती है. फूड पाइप की दीवार ऊतक की कई परतों से बनी होती है. ग्रासनली का कैंसर ग्रासनली की आंतरिक परत पर शुरू होता है और बढ़ने पर अन्य परतों के माध्यम से बाहर की ओर फैलता है. कैंसर का यह रूप आमतौर पर जीईआरडी, बैरेट एसोफैगस और धूम्रपान से जुड़ा होता है. एसोफैगल कैंसर के लक्षण जैसे निगलने में कठिनाई (डिस्पैगिया), बिना प्रयास किये वजन कम होना, सीने में दर्द, दबाव या जलन, अपच या सीने में जलन का बिगड़ना, खांसी या आवाज बैठ जाना, यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव कर रहे हैं, तो डॉक्टर को दिखाना महत्वपूर्ण है ताकि वे अन्य कारणों का पता लगा सकें और उपचार किया जा सके.