रांची : रवि योग में 15 जनवरी को मनेगा मकरसंक्रांति, इसके अलावा 4 शुभ तिथियां और हैं जिसमें तिल का दान, भोग और सेवन किया जाता है. इस बार संक्रांति का वाहन वराह और उप वाहन वृष होगा. ये दोनों वाहन का संक्रांति पर आना शुभ है. सूर्य का राशि परिवर्तन का विशेष महत्व है. इस राशि परिवर्तन से मानव जीवन सबसे ज्यादा प्रभावित होता है.
प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य प्रणव मिश्रा ने बताया कि ऋषिकेश पंचांग के अनुसार 15 जनवरी को सुबह 09:13 मिनट में सूर्य अपने मित्र गुरु के धनु राशि से शनि के मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं. इसलिए मकरसंक्रांति 15 जनवरी को मनाया जाएगा. मकर संक्रांति का पुण्यकाल और स्नान दान का शुभ मुहूर्त सूर्योदय से सूर्यास्त तक शुभ और मंगलकारी रहेगा. इस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं. इससे इस दिन को देवी-देवताओं का दिन माना गया है. मकर संक्रांति की शुरुआत सूर्य के राशि परिवर्तन एवं मकर राशि में प्रवेश से होता है.
इस काल में पूजा, दान, तप का विशेष फल होगा. प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य आचार्य प्रणव मिश्रा ने बताया कि सूर्य के इस राशि परिवर्तन से दिन की लंबाई बढ़ती है और रात की लंबाई छोटी होने लगती है. मकर संक्रांति से ही बसंत ऋतु की शुरुआत मानी जाती है. मकर संक्रांति के पावन पर्व पर गुड़ और तिल लगाकर नर्मदा, गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना लाभदायी होता है. मकर संक्रांति के पावन पर्व पर तीर्थ स्थल के नदियों पर स्नान का पूण्य फल प्राप्त होता है. इस दिन संक्रांति में गुड़, तेल, कंबल, फल, छाता आदि दान करने से लाभ मिलता है और पूण्य फल की प्राप्ति होती है.
इस दिन किया जाने वाला दान अन्य दिनों में किया जाने वाला दान की अपेक्षा कई गुना अधिक फलदायी होता है. इस दिन किसान भगवान से अपनी अच्छी फसलों के लिए आशीर्वाद भी मांगते है. इस दिन खिचड़ी खाने और पतंग उडाने की परंपरा है जिसमें घर के सभी सदस्य आनंद लेते हैं. पश्चिम बंगाल के गंगासागर स्थान पर इस मकरसंक्रांति को बहुत बड़ा मेला लगता है. जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु इकठ्ठा होकर गंगा स्नान का लुप्त उठाते है. मकर संक्रांति के इस पूण्य काल में राशिनुसार दान करने से पूण्य फल की प्राप्ति होती है.
राशि अनुसार करें दान :
मेष : संक्रांति के दिन तांबे के पात्र में लाल मसूर की दाल दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी जिससे आप अपने जीवन के सभी फैसले बुद्धिमता से लेंगे. साथ ही सफेद टिल और चावल का दान करना चाहिए.
वृषभ : मकरसंक्रांति के दिन चांदी से बनी हुई वास्तु या सफ़ेद वस्त्रों का दान करें इससे ऐश्वर्य में वृद्धि होती रहेगी. आज सफेद तिल और गुड़ का दान धन और प्रतिष्ठा देता है.
मिथुन : इस राशि के जातकों को हरी सब्जियों के साथ पीले वस्त्र और काला तिल और चावल (चुड़ा) का दान करें. इससे आपके वैवाहिक जीवन आ रही सभी समस्याएं समाप्त होगी.
कर्क : राशि के जातक को मकर संक्रांति के दिन चांदी की वस्तु, सफेद ऊन या मोती अवश्य दान करना चाहिए. इससे मानसिक कष्टों में कमीं आएगी. सफेद तिल की बनी सामग्री के साथ तिलकुट भी दान करना चाहिए.
सिंह : मकर संक्रांति के दिन सिंह राशि के जातकों को गुड़ के साथ- साथ गेहूं का दान करना शुभ फलदायी है, इससे इनके मान- सम्मान में वृद्धि होगी. आज तिल, चुरा और गुड़ का दान करें.
कन्या : इस दिन कन्या राशि के जातक को हरी सब्जी या हरे मूंग की दाल की खिचड़ी और तिलकुट चुरा का दान करना चाहिए. जिससे व्यापार में चल रही परेशानियों से मुक्ति मिलेग और व्यापार में वृद्धि होगी.
तुला : इस राशि के जातक का मकर संक्रांति के दिन सात प्रकार के अनाज का दान करने से स्वास्थय ठीक रहेगा और कभी भी गंभीर बीमारी नहीं लगेगी.
वृश्चिक : राशि के व्यक्ति को लाल रंग के अनाज और लाल कपड़ों के साथ गुड़ और चुड़ा का दान करना चाहिए. इससे आप में सोचने – समझने की शक्ति भी बढ़ेगी.
धनु : इस राशि के जातक मकर संक्रांति के दिन सोने की वस्तु, पीला अनाज या पिले वस्त्र का दान और तिलकुट चुरा और गुड़ का दान अवश्य करें. इससे आप से सूर्यदेव प्रसन्न रहेंगे और उनकी कृपा बनी रहेगी.
मकर : इस राशि के जातक को मकर संक्रांति के दिन काले रंग के कंबल का दान करना चाहिए, इससे परिवार और पिता के साथ आप के सम्बन्ध प्रेमपूर्वक रहेगा.
कुंभ : कुंभ राशि के जातक को इस दिन घी और तिल से बनी मिठाई का दान करने से इनके जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी.
मीन : राशि के जातक को मकर संक्रांति के दिन चने की दाल के साथ गुड़ का दान करना उत्तम फलदायी रहेगा. जिससे सूर्य देव के साथ देवगुरु बृहस्पति की कृपा मिलेगी.
प्रसिद्ध ज्योतिष
आचार्य प्रणव मिश्रा
आचार्यकुलम, अरगोड़ा राँची
8210075887