रांची : एक्सट्रीम बार हत्याकांड को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने चंपई सरकार पर हमला किया है. कहा कि चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनसे कई उम्मीदें जगी थी. लगा था कि अब झारखंड में थोड़ा भ्रष्टाचार और खून-खराबा कम होगा, लेकिन जेल में बैठे सरकार के नेताओं ने ऐसे सिस्टम का जाल खड़ा किया है कि चंपई भी उस जाल में फंसते नज़र आ रहे हैं. बाबूलाल ने कहा रांची में पूरे देश से आने वाले प्रमुख नेता, महत्वपूर्ण लोग, खिलाड़ी और कलाकार जिस होटल में आकर रुकते है, ठीक उस होटल के सामने पुलिस की नाक के नीचे सरेआम एक हत्या हुई है. मेरी नज़र में यह एक आम हत्या नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की हत्या है.
रिमोट कंट्रोल से न चलें चंपई
बाबूलाल ने कहा कि रांची डीसी ने विज्ञापन देकर सभी लोगों के हथियार जमा कराने को कहा था, लेकिन लगता है कि जिन लोगों से समाज और चुनाव को ख़तरा है, उनके हथियार उनके पास ही रह गये. बाबूलाल ने सीएम से कहा कि आपको एक बार फिर से आगाह कर रहा हूं. रिमोट से आप ना चलें, बल्कि अपने अंतरात्मा की आवाज़ को सुन कर प्रशासनिक सिस्टम को थोड़ा दुरुस्त करें. बेईमान पुलिस वालों पर कार्यवाही करें, “होटवार आदेश” की परवाह किये बिना दोषी छोटे-बड़े पुलिस वालों को निलंबित कर कारवाई करें वरना वो दिन दूर नहीं जब जेल में बैठे आपके पार्टी के नेता कहीं आपको भी वहीं ना बुला लें.
जेसिका लाल मर्डर केस की याद ताजा
बाबूलाल ने कहा कि इस घटना ने जेसिका लाल मर्डर केस की यादें ताजा कर दी. मामूली विवाद में डीजे की हत्या करने वाले अपराधियों का दुस्साहस दिखाता है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिल्कुल मरणासन्न हो चुकी है. झामुमो-कांग्रेस की सरकार तो पिछले साढ़े 4 सालों से अपराधियों के गोदी में बैठकर खेल रही है, उनसे कारवाई की उम्मीद भी नहीं की जा सकती. अनुकम्पा पर रिमोट कंट्रोल वाला सीएम बनके जनता की जान के साथ सौदा करने से बेहतर है चंपई सोरेन इस्तीफा दे दें.
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