रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के सर्वोच्च नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के नेतृत्व में गठित झारखंड राज्य समन्वय समिति के 4 सदस्यों को मंत्री का दर्जा दिया गया है. मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग (समन्वय) की ओर से संकल्प में यह जानकारी दी गयी है. समिति में शिबू सोरन समेत 9 लोगों को शामिल किया गया है.
शिबू सोरेन को बनाया गया है 9 सदस्यीय समिति का अध्यक्ष
शिबू सोरेन को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को सदस्य, सरफराज अहमद, फागु बेसरा, बिनोद पांडेय, योगेंद्र महतो को सदस्य बनाया गया है. इस समिति में हेमंत सोरेन सरकार में कैबिनेट मंंत्री आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है, जबकि बंधु तिर्की को आमंत्रित सदस्य बनाया गया है.
इनको मिलेगी मंत्री के समान सुविधाएं
राजेश ठाकुर, फागु बेसरा, बिनोद पांडेय और योगेंद्र महतो को मंत्री का दर्जा मिलेगा. इन्हें मंत्री को मिलने वाली तमाम सुविधाएं मिलेंगी. इनका कार्यकाल तीन वर्षों का होगा. राज्य में विकास की संभावनाएं तलाशने और जन-आकांक्षा के अनुरूप राज्य की विकास योनजनाओं के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए इस समिति का गठन किया गया है. मंत्रिमंडल सचिवालय से जारी संकल्प के मुताबिक, यह समिति पिछड़े क्षेत्रों में आर्थिक विकास की गति को तेज करने संबंधी योजनाओं एवं उपायों पर विचार करेगी.
समिति देगी राज्य सरकार को सुझाव
इस समिति के गठन का उद्देश्य राज्य से मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए राज्य की बुनियादी आवश्यकताओं के साथ समन्वय बनाकर उनका विकास करना है. साथ ही प्रदेश में उपलब्ध प्राकृतिक संपदाओं के समुचित उपयोग एवं मानव संसाधन के सम्यक विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में भी समिति काम करेगी. इसके अलावा, राज्य के संतुलित विकास की संभावनाएं तलाशने, इसके लिए आवश्यक उपाय करने तथा जन-आकांक्षाओं के अनुरूप विकास योजनाओं के साथ समिति समन्वय स्थापित करेगी.
समिति का कार्यकाल और उसके काम
- झारखंड राज्य समन्वय समिति का कार्यकाल तीन साल का होगा.
- समय-समय पर झारखंड राज्य समन्वय समिति राज्य सरकार को परामर्श देगी.
- झारखंड राज्य समन्वय समिति का कार्यालय समिति के अध्यक्ष के आवास में ही होगा.
- हर महीने झारखंड राज्य समन्वय समिति की बैठक होगी.
- झारखंड सरकार समिति को सचिवालीय सहायता उपलब्ध करवायेगी.