Patna : बिहार में डाक सेवाओं को और अधिक सुलभ बनाने के लिए डाक विभाग ने एक महत्वपूर्ण योजना तैयार की है. अब, बिहार में हर 15 हजार की आबादी पर एक उप डाकघर खोला जाएगा. डाक विभाग, बिहार सर्किल द्वारा की गई हालिया समीक्षा में यह पाया गया कि कई जिलों के कुछ इलाकों में 25 से 30 हजार की आबादी पर मात्र एक उप डाकघर कार्यरत है, जो कि तय मानकों से बहुत कम है.
इस समस्या को दूर करने के लिए डाक विभाग ने राज्य भर में चरणबद्ध तरीके से उप डाकघरों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है. पहले चरण में, वित्तीय वर्ष 2025-26 में 50 नए उप डाकघर खोले जाएंगे. इन उप डाकघरों का चयन उन क्षेत्रों से किया जाएगा, जहां जनसंख्या अधिक है, लेकिन डाक सेवाओं की पहुंच सीमित है. वर्तमान में बिहार में कुल 1067 उप डाकघर हैं, जिनकी संख्या अब धीरे-धीरे बढ़ाई जाएगी.
नई योजना के तहत डाक जीवन बीमा, ग्रामीण डाक जीवन बीमा, निर्यात केंद्र और छोटे बचत खाता जैसी योजनाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा. डाक विभाग का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक ग्रामीण और अर्ध-शहरी आबादी डाक सेवाओं से जुड़ें, ताकि उन्हें सुरक्षित और भरोसेमंद वित्तीय सेवाएं सुलभ हो सकें. समीक्षा के दौरान यह भी पाया गया कि कई उप डाकघर किराए के भवनों में स्थित हैं और मुख्य सड़कों से अंदर हैं, जिससे आम लोगों को इन तक पहुंचने में कठिनाई होती है. ऐसे डाकघरों को मुख्य सड़कों के पास स्थानांतरित किया जाएगा, ताकि लोगों को बेहतर पहुंच मिल सके.
इसके अतिरिक्त डाक विभाग सभी डाकघरों को गूगल मैप और डिजिटल लोकेशन सिस्टम से जोड़ने की योजना बना रहा है. इससे लोग ऑनलाइन तरीके से नजदीकी डाकघर की पहचान कर सकेंगे और वहां उपलब्ध सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे. इस कदम से बिहार के ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में डाक सेवाओं की पहुंच बेहतर होगी, और लोगों को डाक से जुड़ी सेवाओं का अधिक लाभ मिलेगा.
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