संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर बड़ा बवाल मच गया. जब दूसरी बार अदालत के आदेश पर सर्वे टीम जामा मस्जिद पहुंची, तो गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. इस दौरान पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. घटनास्थल का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें पुलिस और एसपी हेलमेट पहने हुए हैं, जबकि दूसरी तरफ से पत्थरबाजी की जा रही है. इस बवाल के बाद संभल में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं.

ऐसे हुआ बवाल

आज सुबह साढ़े सात बजे जामा मस्जिद में सर्वे करने के लिए टीम पहुंची थी. शुरुआत में हालात सामान्य रहे, लेकिन कुछ समय बाद भीड़ आक्रोशित हो गई और पुलिस से बहस करने लगी. डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने मोर्चा संभाला और आक्रोशित भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. इस बीच, मस्जिद के सदर ने अंदर से ऐलान किया कि लोग मस्जिद के आसपास से हट जाएं, लेकिन भीड़ नहीं मानी और पत्थरबाजी शुरू कर दी.

कोर्ट के आदेश पर हो रहा सर्वे

19 नवंबर को संभल के चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था. इसके बाद, आज एडवोकेट कमिश्नर की टीम ने दोबारा मस्जिद में सर्वे करने के लिए प्रवेश किया. अदालत ने कहा था कि इस सर्वे में वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के माध्यम से रिपोर्ट दाखिल की जाए. याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि यह सर्वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित क्षेत्र में हो रहा है और किसी भी प्रकार का अतिक्रमण नहीं किया जा सकता.

विष्णु शंकर जैन का दावा

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने दावा किया कि जामा मस्जिद क्षेत्र में हिंदू मंदिर के निशान और संकेत पाए गए हैं, और इस स्थान को लेकर उनकी धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं. जैन ने यह भी बताया कि 1529 में बाबर ने हरिहर मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाने की कोशिश की थी. अदालत ने इस दावे को ध्यान में रखते हुए सर्वे का आदेश दिया है.

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