धनबाद : निरसा और जामताड़ा जिला को जोड़ने वाली बराकर नदी के बिरगांव और बरबेंदिया घाट पर पुल निर्माण को झारखंड सरकार द्वारा मंजूरी मिलने के बाद आज पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत शिलान्यास किया गया. जामताड़ा जिला में झारखण्ड के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने पुल के एक छोर का शिलान्यास किया.
वहीं, पुल की दुसरे छोर में सांसद पीएन सिंह और निरसा के भाजपा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने भी बरबेंदिया पुल पर अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ शिलान्यास किया. अब इस पुल के श्रेय लेने को लेकर सियासी दलों में इसकी होड़ मच गई है. एक ओर जामताड़ा विधायक डॉ० इरफान अंसारी खुद इसका श्रेय ले रहे हैं तो दुसरी ओर निरसा से भाजपा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता श्रेय ले रही हैं. इस फोरलेन पुल की निर्माण लागत 264 करोड़ की है.
पथ निर्माण के अभियंता प्रमुख ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पुल निर्माण कार्य की स्वीकृति स्टेट हाईवे अथॉरिटी द्वारा दी गई है और इसका सुपरविजन रोड डिवीजन धनबाद जामताड़ा की देखरेख में होगा उन्होंने इस पुल की कुल लंबाई 1584 मी लगभग बताया.
वर्षों से बराकर नदी पर पुल बनाने की मांग की जा रही थी. जामताड़ा और धनबाद दो जिला को जोड़ने के वाले वीरगांव बरबेंदिया घाट पर पुल नहीं रहने से लोगों को आवागमन करने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है. नाव का सहारा लेना पड़ता है. जान जोखिम में डालकर आना-जाना करना पड़ता है. जिससे कई बार लोगों की जान भी चली जाती है. बरसों से पुल अधूरा पड़ा हुआ है, कई बार लोगों ने सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया. आंदोलन भी किया, 14 लोगों की जान भी चली गई. तब जाकर सरकार की नींद टूटी सरकार ने पुल निर्माण कार्य के लिए स्वीकृति प्रदान की.
पुल बन जाता तो नहीं होता हादसा
24 फरवरी 2022 को भयंकर बारिश और आंधी-तूफान में बराकर नदी में एक बड़ा नाव हादसा हुआ था. कुछ लोग किसी तरह तैरकर बाहर निकले तो कुछ लोगों को आसपास के ग्रामीणों ने बचाया शाम के समय हादसा होने के कारण बच्चे, महिला एवं पुरुष कुल मिलाकर 14 लोगों की जान चली गई थी.
वहीं, निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने कहा कि लागतार सदन में बरबेदिया पुल निर्माण को लेकर अपनी मुखर करती रही जिसके फलवरूप आज निरसा की 4 लाख जनता को सौगात मिली हैं. जिसके कारण धनबाद सांसद पीएन सिंह भाजपा वरिष्ट नेताओ एवं सैकड़ो समर्थकों के साथ बरबेदिया पुल का शिलान्यास की हूँ.
अब इस पुल पर राजनीति जोर शोर से हो रही पर सच्चाई यह भी है कि इस पुल के बन जाने के बाद कोलांचल और धनबाद की दूरी कम हो जायेगी जिसका फायदा दोनों जिला के जनता को मिलेगा.