सुदेश महतो ने जामताड़ा में सीता सोरेन के लिए मांगे वोट
जामताड़ा : आजसू चीफ सुदेश महतो ने जामताड़ा में दुमका लोकसभा सीट की प्रत्याशी सीता सोरेन के पक्ष में जनसभा की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया भर में भारत की प्रतिष्ठा को नया मुकाम दिया. देश को सुरक्षित किया. महिलाओं और गरीबों के लिए कई योजनाएं चलाई. देश को आर्थिक रूप से उन्नत किया. 140 करोड़ लोगों को एकल नेतृत्व के जरिये एक सूत्र में बांधा. पूरे देश में मोदी का कोई विकल्प नहीं है. विपक्ष सिर्फ देश को भ्रमित कर रहा है. उसके पास मोदी को टक्कर देने वाला कोई नेता नहीं है. कांग्रेस विपक्षी गठबंधन की वर्तमान स्थिति को ही संभाल ले यही काफी होगा.
झामुमो ने संसद में झारखंड के मुद्दे नहीं उठाये
उन्होंने झामुमो पर राज्य की जनता के साथ धोखा करने का आरोप लगाया. कहा कि हम अपना प्रतिनिधि इसलिए चुनते हैं कि वह लोकसभा में पहुंचकर हमारे विषयों का नेतृत्व करें. पिछले 30 वर्षों में झामुमो के सांसद आते-जाते रहे हैं, लेकिन आजाद झारखंड में आपने कभी नहीं सुना होगा कि इन्होंने झारखंड के मुद्दों को लेकर आवाज उठाई हो. झामुमो की तुष्टिकरण की राजनीति का ही परिणाम है कि आज भी जनजातियां मुफ्त चावल और एक धोती-साड़ी तथा एक वोट देने तक ही सीमित रह गई है.
सोरेन परिवार ने गलत परिपाटी शुरू की
सुदेश ने कहा गलत परिपाटी शुरू करने वाले इस सोरेन परिवार की गंदी राजनीति से आज सीता सोरेन ने खुद को अलग किया है. यह एक बहुत बड़ी हिम्मत की बात है, क्योंकि सीता सोरेन को लगता है कि यहां के जनजातियों का विकास तभी हो सकता है जब हम ईमानदारी से राजनीति करें. उन्होंने लोगों से अपील किया कि भारी से भारी मतो से सीता सोरेन को अपना वोट देकर जीतायें.
कुछ भी कर ले कल्पना, लेकिन बहू नंबर वन तो मैं हूं- सीता सोरेन
जनसभा को संबोधित करते हुए सीता सोरेन ने कहा कि जिस राज्य का कैबिनेट अभी होटवार जेल से चल रहा हो उस राज्य में विकास की क्या स्थिति होगी यह आप खुद सोच सकते हैं. यहां परिवारवाद इस कदर हावी है कि जीवन भर पार्टी के लिए समर्पित रहने वाले को लोग कुछ दिन भी मुख्यमंत्री बने नहीं रहने देना चाहते. अल्पसंख्यक विधायक को इस्तीफा दिलावाकर गांडेय से परिवार की बहू (कल्पना सोरेन) को लड़ाने का काम कर रहे हैं ताकी उसे मुख्यमंत्री बनाएं. पति जेल में बंद है और पत्नी बाहर मुख्यमंत्री बनने का चक्कर चला रही है. आज सब कुछ छोड़कर अकेले बड़ा-बड़ा मंच सजा रही है और झूठ पर झूठ बोल रही है. सीता ने कहा तुम कुछ भी कर लो पर बहू तो दो नंबर ही हो. सब कुछ दो नंबर, काम भी दो नंबर और घर में बहू का दर्जा भी दो नंबर है. एक नंबर तो मैं ही हूं. बहू भी एक नंबर हूं और इस चुनाव में प्रत्याशी भी एक नंबर ही रहूंगी.