खलारी : इलाके के करकट़्टा में बंद पड़ी कोयला खदान में बुधवार को आग लग गई। इस आग की तीव्रता इतनी भीषण है कि पूरे इलाके के जमींदोज होने का खतरा पैदा हो गया है। बड़ी आबादी के आवासीय क्षेत्र पर संकट मड़रा रहा है। माइंस में आग कैसे लगी। यह अब तक साफ नहीं हो सका है। उत्तर करनपुरा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली इस माइंस में सालों पहले सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड की ओर से खनन कार्य पूरा कर लिया गया। इसके बाद इसे ओपेन माइनिंग के लिए प्राइवेट कंपनी को आउटसोर्स कर दिया गया। कंपनी ने अपनी समयावधि तक माइंस से कोयला निकाला। इसके बाद वनाधिकार का विवाद शुरू हो गया। लिहाजा माइंस में खनन का कार्य बंद हो गया।

इसके बाद कोयला माफियाओं ने स्थानीय लोगों की मदद से एक बार फिर इस माइंस में खनन कार्य प्रारंभ कराया। लगातार छापेमारी के बावजूद जब अवैध कोयला निकासी नहीं बंद हुई तो माइंस के मुहाने को बंद करा दिया गया। बुधवार की सुबह इलाके के लोगों ने माइंस के अंदर से आग और धुआं निकलते हुए देखा। थोड़ी देर में पूरा इलाका काले धुएं से भर गया। लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही आग पर काबू नहीं पाया गया तो पूरा इलाका जमींदोज हो सकता है। पूरे इलाके में अंदर ही अंदर कोयला निकाला गया है।

आग जमीन के अंदर बचे हुए कोयले के बीच फैल सकती है। ऐसी स्थिति में हालात बेहद खतरनाक हो जाएंगे। पहले भी इस इलाके में भूमि के जमींदोज की घटना हो चुकी हैं। इसके कारण आसपास के लोग काफी डरे सहमे हैं। बंद पड़ी खदान के पास बड़ी आवासीय कॉलोनी है। इस संबंध में पूछे जाने पर उत्तर करनपुरा महाप्रबंधक संजय कुमार ने कहा कि आग लगने की घटना की जानकारी मिली है। गुरुवार को आग को नियंत्रित करने के लिए ऑपरेशन शुरू किया जाएगा।

2000 लोग प्रभावित, प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा, कंपनी प्रबंधन से हो रही वार्ता
बताया जा रहा है कि अगर समय रहते आग पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो प्रत्यक्ष तौर पर करीब 2000 की आबादी प्रभावित हो सकती है। प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि आग को नियंत्रित करने के लिए कंपनी प्रबंधन से वार्ता की गई है। कंपनी के अधिकारियों ने भरोसा दिया है कि गुरुवार को ऑपरेशन शुरू कर यथाशीघ्र आग को नियंत्रित करने का प्रयास किया जाएगा। CO एसपी आर्य ने कहा कि यह CCL की खदान हैं। GM को आग पर तत्काल काबू पाने के लिए कहा गया है ताकि जान-माल की क्षति को रोका जा सके।

निकल रही थी गैस
स्थानीय लोगों ने बताया कि करकट्टा में भूमिगत खदान से काफी अधिक मात्रा में जहरीली गैस निकल रही थी। प्रबंधन ने भूमिगत खदान का मुहाना दो साल पहले बंद करवा दिया था। इसके बावजूद गैस का निकलना जारी रहा। स्थानीय लोगों ने इस समस्या की जानकारी पूर्व में लिखित रूप से सांसद, विधायक तथा कंपनी प्रबंधन को दी लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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