रांची: झारखंड में प्राइवेट यूनिवर्सिटी की बाढ़ सी आ गई है. लेकिन इसके क्वालिटी ऑफ एजुकेशन पर भी सवाल उठने लगे हैं. राज्य गठन के बाद से अबतक करीब 20 प्राइवेट यूनिवर्सिटी से जुड़े विधेयक सदन से पारित हो चुके हैं. कुछ एक को छोड़ दें तो ज्यादातर प्राइवेट यूनिवर्सिटी से लोग वाकिफ नहीं हैं. खास बात यह है कि हेमंत सरकार ने अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल में प्राइवेट यूनिवर्सिटी से जुड़े छह विधेयक को विधानसभा से पारित कराया है. लेकिन पूर्व की रघुवर सरकार ने भी प्राइवेट यूनिवर्सिटी के गठन में ज्यादा दिलचस्पी दिखायी. अपने पांच साल के कार्यकाल में रघुवर दास की सरकार ने निजी विश्वविद्यालयों से जुड़े दो संशोधन के अलावा 12 विधेयक सदन से पारित कराया.
हेमंत कार्यकाल में पारित निजी विवि विधेयक
हेमंत सरकार ने अपने साढ़े तीन साल से ज्यादा के कार्यकाल के दौरान तमाम सवालों के बावजूद कुल छह विधेयक पारित कराए. इनमें श्रीनाथ विश्वविद्यालय विधेयक 2021, अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय विधेयक 2022, सोना देवी विश्वविद्यालय विधेयक 2022, बाबू दिनेश सिंह विश्वविद्यालय विधेयक 2022, दुर्गा सोरेन विश्वविद्यालय विधेयक, 2023 और जैन विश्वविद्यालय विधेयक 2023 शामिल हैं. लेकिन जैन विश्वविद्यालय से जुड़ा विधेयक राजभवन से लौटाए जाने के बाद मामला फिर से अधर में लटक गया है.
रघुवर के कार्यकाल में निजी विवि की आई बाढ़
तत्कालीन रघुवर सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल में प्राइवेट यूनिवर्सिटी की बाढ़ ला दी. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और छात्रों को दूसरे राज्यों में पढ़ाई के लिए रोकने का हवाला देकर धड़ाधड़ निजी विश्वविद्यालय से जुड़े विधेयक पारित किए गये. साल 2018 में दो संशोधन समेत कुल 8 विधेयक पारित कराया था. उनमें उषा मार्टिन विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2018, कैपिटल विश्वविद्यालय विधेयक 2018, साईंनाथ विश्वविद्यालय विधेयक 2018, झारखंड राय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2018 , राधा गोविंद विश्वविद्यालय विधेयक 2018, रामकृष्ण धर्माथ (आर.के.डी.एफ) विश्वविद्यालय विधेयक 2018 नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय विधेयक 2018, रामचंद्र चंद्रवंशी विश्वविद्यालय विधेयक 2018 का नाम शामिल है. साल 2017 में रघुवर सरकार ने निजी विश्वविद्यालयों से जुड़े कुल तीन विधेयक को विधानसभा से पारित कराया था. उनमें सरला बिरला विश्वविद्यालय विधेयक 2017, वाई.बी.एन.विश्वविद्यालय विधेयक 2017, अरका जैन विश्वविद्यालय विधेयक 2017 के नाम शामिल हैं. साल 2016 में रघुवर सरकार ने अमिटी विश्वविद्यालय विधेयक 2016, प्रज्ञान इंटरनेशनल विश्वविद्यालय विधेयक, 2016 और आईसेक्ट विश्वविद्यालय विधेयक 2016 समेत कुल तीन विधेयक पारित कराया था.