रवि

रांची : झारखंड में फिलहाल 38 फीसदी ही सरकारी कर्मचारी कार्यरत हैं. 62 फीसदी पद खाली पड़े हुए हैं. इन 38 फीसदी कार्यरत कर्मचारियों के वेतन, भत्ता मद में सालाना लगभग 17500 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं. बता दें कि राज्य के सरकारी विभागों में 4.66 लाख नियमित पद स्वीकृत हैं. इसके विरुद्ध 1.79 लाख कर्माचारी ही कार्यरत हैं. 2.87 लाख पद खाली पड़े हुए हैं

प्रशाखा पदाधिकारी के 657 में से 600 पद हैं खाली

कर्मियों की कमी के कारण फाइल मूवमेंट की गति धीमी हो गई है. लगभग 6000 से अधिक फाइल डंप हो गई हैं. प्रशाखा पदाधिकारी के कुल स्वीकृत पदों की संख्या 657 है, इसमें लगभग 600 पद खाली पड़े हुए हैं. बताते चलें कि प्रोजेक्ट भवन, नेपाल हाउस, सीएम सचिवालय, महाधिवक्ता कार्यालय, राज्य निर्वाचन आयोग, झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग, खाद्य सुरक्षा आयोग, पांचों कमिश्नरी सहित अन्य को मिलाकर कुल 657 सेक्शन हैं. वहीं, सहायक प्रशाखा पदाधिकारी के 1313 पद स्वीकृत हैं. इसमें 708 सहायक प्रशाखा पदाधिकारी ही कार्यरत हैं. इसी तरह से अवर सचिव के स्वीकृत 328 पदों में से 58 पद रिक्त हैं. उपसचिव के 54 स्वीकृत पदों में से 10 पद और संयुक्त सचिव के 23 स्वीकृत पदों में से 10 पद रिक्त हैं. वहीं, सात साल बाद भी सहायक प्रशाखा पदाधिकारियों का प्रशाखा पदाधिकारी के पद पर प्रोमोशन नहीं हो पाया है.

राज्य सेवा के अफसरों की भी कमी

राज्य प्रशासिनक सेवा के भी 305 पद रिक्त हैं. इसमें अवर सचिव के 138, डिप्टी सेक्रेट्री के 153, संयुक्त सचिव के 04, अपर सचिव के 01 और विशेष सचिव के 09 पद रिक्त हैं.

आइएएस कैडर में 54 पद खाली

आइएएस कैडर में 54 पद रिक्त हैं. कुल स्वीकृत पदों की संख्या 224  है, जिसमें 170  अफसर ही कार्यरत हैं. ऐसे में एक अफसर के पास एक से अधिक प्रभार है. इसमें सीएस रैंक से लेकर डीसी रैंक तक के अफसर भी शामिल हैं, जिनके पास एक से अधिक प्रभार है.

सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों का ब्योरा

विभाग – पद – कार्यरत – रिक्त

कृषि-5316-1355-3961

पशुपालन-3274-1621-1653

सहकारिता-3801-674 -3127

फिशरी-441 -153-288

डेयरी-283-93-190

भवन निर्माण-1749-497-1252

मंत्रिमंडल सचिवालय-431-269-162

मंत्रिमंडल निर्वाचन-134-106-28

मंत्रिमंडल निगरानी-595-389-206

नागर विमानन-19-10-09

राज्यपाल सचिवालय-149-119-30

ऊर्जा-138-138-00

उत्पाद-1225-351-874

वित्त-1102-279  -823

सांस्थिक वित्त -31-05-26

राष्ट्रीय बचत-119-20-99

वाणिज्यकर-1165-462 -703

खाद्य आपूर्ति-1238-331-907

वन पर्यावरण-7545-3595-3950

स्वास्थ्य-22658-8346-14312

उच्च शिक्षा-67-38-29

गृह-139734-76162-63572

उद्योग -2034-390-1644

पीआरडी        -255-115-140

श्रम नियोजन-4711-1002-3709

विधि-7276-5890-1386

हाइकोर्ट -1823-892-931

खान भूतत्व-827-300-527

संसदीय कार्य-23-22-01

विधानसभा-1021-936-85

कार्मिक532-295-237

तकनीकी शिक्षा-1292-477-815

माध्यमिक शिक्षा-82841-9021-73820

प्राथमिक शिक्षा -181706- 41682-140024

स्कूली शिक्षा-128-36-92

राजभाषा-556-214-342

जेपीएससी-64-45-19

योजना विकास-933-275-658

पेयजल-3351-2061-1290

स्टांप व निबंधन-211-180-31

आपदा प्रबंधन-161-78-83

भू-राजस्व-11078-6738-4340

पथ निर्माण-3601-1654-1947

ग्रामी‌ण विकास-6419-2940-3209

सूचना प्रावैधिकी-44-13-31

पर्यटन-153-28-125

परिवहन-237-137-100

नगर विकास-75-51-24

आवास-08-07-01

जल संसाधन-10832-4032-6800

लघु सिंचाई-2176-900-1276

कल्याण-4914-1849-3965

कला संस्कृति-712-171-541

आरइओ-3647-1777-1870

पंचायती राज-5934-1958-3076

समाज कल्याण-3847-1836-2011

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