चूरू: राजस्थान के चुरू और सीकर जिले के 8 युवक इसलिये विदेश में फंसे हैं. क्योंकि विदेश भेजने के नाम पर एक एजेन्ट ने इनके साथ फर्जीवाड़ा कर डाला. सीकर जिले के खंडेला के फर्जी एजेंट ने विदेश में अच्छी कंपनी और अच्छी पगार का हवाला देकर बेरोजगार युवाओं को अपने जाल में फंसाया और उनसे मोटी रकम लेकर उन्हें ऐसी जगह भेज दिया जहां अब इनके न रहने का ठिकाना है और न खाने का. फर्जी वीजा पर भेजे गये इन युवकों को पिछले 2 साल से तनख्वाह नहीं मिलने के कारण आर्थिक हालात खराब है और पिछले 6 महीने से खाने के लाले पडे़ हैं तो कुछ युवक बिमारी से भी जुझ रहे हैं.
चूरू शहर के वार्ड 33 के अल्ताफ व वार्ड 37 के सुलेमान सऊदी अरब के जेदा में फंसे हुए हैं. हाल यह है कि कंपनी की ओर से उन्हें रहने के लिए दिए हुए घर से भी निकाल दिया गया है. इन युवकों का सोशल मीडिया पर विडियो वायरल हो रहा है, जिसमें इन्होंने ना केवल एजेन्ट के फर्जीवाडे़ का जिक्र किया है ब्लकि वतन वापसी की गुहार भी लगाई है. इस वीडियो में इन्होंने अपनी आपबीती बताई है.
चूरू. राजस्थान के चुरू और सीकर जिले के 8 युवक इसलिये विदेश में फंसे हैं. क्योंकि विदेश भेजने के नाम पर एक एजेन्ट ने इनके साथ फर्जीवाड़ा कर डाला. सीकर जिले के खंडेला के फर्जी एजेंट ने विदेश में अच्छी कंपनी और अच्छी पगार का हवाला देकर बेरोजगार युवाओं को अपने जाल में फंसाया और उनसे मोटी रकम लेकर उन्हें ऐसी जगह भेज दिया जहां अब इनके न रहने का ठिकाना है और न खाने का. फर्जी वीजा पर भेजे गये इन युवकों को पिछले 2 साल से तनख्वाह नहीं मिलने के कारण आर्थिक हालात खराब है और पिछले 6 महीने से खाने के लाले पडे़ हैं तो कुछ युवक बिमारी से भी जुझ रहे हैं.
चूरू शहर के वार्ड 33 के अल्ताफ व वार्ड 37 के सुलेमान सऊदी अरब के जेदा में फंसे हुए हैं. हाल यह है कि कंपनी की ओर से उन्हें रहने के लिए दिए हुए घर से भी निकाल दिया गया है. इन युवकों का सोशल मीडिया पर विडियो वायरल हो रहा है, जिसमें इन्होंने ना केवल एजेन्ट के फर्जीवाडे़ का जिक्र किया है ब्लकि वतन वापसी की गुहार भी लगाई है. इस वीडियो में इन्होंने अपनी आपबीती बताई है.
सीकर के एजेंट ने फंसाया
विडियो में बताया गया है कि करीब दो साल पहले सीकर जिले के खंडेला के एजेंट ने दोनों युवकों से प्रति व्यक्ति 1 लाख 15 हजार रुपए लेकर सऊदी अरब के जेदा भेजा था. तीन-चार माह तक कंपनी में काम किया, लेकिन उन्हें हकामा नहीं दिया गया. ऐसे में कंपनी में काम करने वाले अन्य कर्मचारियों के मुकाबले उन्हें आधा वेतन दिया जाता था. परिजनों ने बताया कि इसका विरोध करने पर एक साल पहले उन्हें कंपनी से बाहर निकाल दिया गया. रहने का ठिकाना नहीं होने पर मकान मालिक ने आठ मंजिला मकान की सफाई करने की शर्ते पर ठहराने की बात कही. युवकों ने मामले को लेकर इंडियन एम्बेसी में गुहार लगाई. इसके अलावा परिजनों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मदद मांगी, लेकिन वतन वापसी को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.
मकान मालिक ने भी निकाला
पीडि़त युवकों ने बताया कि कंपनी के इशारे पर मकान मालिक ने पांच माह पहले उन्हें निकाल दिया है. ऐसे में उन्हें इधर-उधर रात गुजारने को मजबूर होना पड़ रहा है. काम धंधा नहीं होने से पेट भरना भी मुश्किल हो रहा है. वीडियो में इन्होंने भारत सरकार, भारत के प्रधानमंत्री तथा स्थानीय प्रशासन से मदद की गुहार लगायी है. चूरू के इन दोनों युवकों के परिजन भी वतन वापसी के लिए स्थानीय नेताओं से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन फिलहाल दोनों के वतन वापसी की संभावना नजर नहीं आ रही है.