रांची : राजधानी का बड़ा तालाब किसी पहचान का मोहताज नहीं है. बल्कि ये कहे कि इसी तालाब के नाम से कई लोगों के घर का पता है. लेकिन अनदेखी के कारण इस तालाब की दुर्गति हो गई. अब रांची नगर निगम इसे संवारने के साथ ही इसकी सफाई भी करा रहा है. इसके लिए एंफीबियस एक्सकैवेटर मशीन मंगाई गई है. जिससे कि तालाब का गाद निकाला जा रहा है. अधिकारियों की माने तो आने वाले समय में बड़ा तालाब का पानी मिनरल वाटर की तरह क्रिस्टल क्लियर होगा. जिससे कि तालाब के अंदर की चीजें भी दिखाई देगी. वहीं गाद निकाले जाने से इसकी गहराई भी बढ़ेगी. इससे वाटर लेवल भी बढ़ेगा.
एसटीपी का भी चल रहा काम
बड़ा तालाब में आसपास के इलाकों का गंदा पानी भी पहुंचता है. इसके लिए नगर निगम ने सख्ती की है. और जगह-जगह पर कचरा रोकने के लिए जाली लगाए गए है. अब तालाब में किसी भी हाल में गंदा पानी नहीं जाएगा. चूंकि रांची नगर निगम बड़ा तालाब के पास ही सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बना रहा है. जिसका काम जल्द ही पूरा हो जाएगा. प्लांट के चालू हो जाने से आसपास के नालों का पानी ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचेगा. वहां पर पानी की प्रोसेसिंग करने के बाद उसे तालाब में छोड़ा जाएगा. इससे तालाब में गंदा पानी नहीं जाएगा.
अंग्रेजों ने कराया था निर्माण
1842 में ब्रिटिश कर्नल ओन्सली ने 52 एकड़ में रांची झील (तालाब) का निर्माण कराया गया था. शहर के भूजल स्तर को बनाए रखने के लिए अंग्रेज अफसर ने आज से करीब 190 साल पहले जब रांची झील का निर्माण कराया था, तब इसकी गहराई लगभग 30 फीट थी. लेकिन इसकी गहराई घटकर 15 फीट के आसपास पहुंच गई थी. इस वजह से आसपास के इलाकों में ग्राउंड वाटर लेवल भी तेजी से गिरा. आसपास के घरों में मौजूद कुआं सूख गया है. गर्मी में बोरिंग फेल हो जा रहे. अब इस ऐतिहासिक रांची झील की सूरत बदलने वाली है.
मशीन से बढ़ेगी तालाब की गहराई
रांची नगर निगम ने 3.1 करोड़ की लागत से एमफीबियस एक्सकैवेटर मशीन खऱीदी गई है. इस मशीन से तालाब का गाद भी निकाला जा रहा है. इस मशीन की मदद से शहर के अन्य जलाशयों से गाद निकालने में भी मदद मिलेगी. शहर में पहली बार जलाशयों का गाद साफ करने के लिए एमफीबियस एक्सकैवेटर मशीन मंगाई गई है.
38 साल बाद हो रही सफाई
स्थानीय लोगों की माने तो इस झील को 1984-85 में साफ किया गया था. उस समय गाद निकालने के बाद कभी तालाब से गाद नहीं निकाला गया. अब तालाब से हर दिन गाद निकाला जा रहा है. जिससे तय है कि अब तालाब का पानी साफ हो जाएगा. लोगों की माने तो पहले लोग इस तालाब के पानी से लोग स्नान करने पहुंचते थे.