रांची। पॉक्सो की स्पेशल कोर्ट ने परी दुष्कर्म एवं हत्या मामले में सोमवार को केस से जुड़े सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। इस मामले में कोर्ट 12 जुलाई को फैसला सुना सकती है।
दरअसल, 23 अप्रैल 2013 को डोरंडा थाना क्षेत्र में परी नामक बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इसके बाद 24 अप्रैल 2013 को डोरंडा थाने में मामला दर्ज हुआ था। पूरी रांची को झकझोर देने वाली इस घटना में मोहम्मद साहिद अख्तर और सहजादी खातून को आरोपित बनाया गया है। दोनों आरोपित मृतका के परिजन हैं। घटना होने के करीब सात साल बाद आरोपितों तक रांची पुलिस पहुंच पाई थी।
जानकारी के मुताबिक दोनों आरोपितों के बीच चल रहे अवैध संबंध को छुपाने के लिए परी की हत्या की गई थी। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत के समक्ष कुल 22 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए हैं। इसमें में चार एसपी के अलावा डॉक्टर, नारको टेस्ट और ब्रेन मैपिंग करने वाले अधिकारी भी शामिल हैं। इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए एसपी रैंक के अधिकारी को इस हत्याकांड की जांच की जिम्मेदारी दी थी।