नई दिल्ली : भारतीय नौसेना अपनी ताकतों को स्वदेशी तौर पर बड़ी तेजी से बढ़ाने में जुटी है. उसी के तहत अब उसे एक ऐसा विध्वसंक मिलने जा रहा है, जिससे दुश्मनों के भी होश उड़ जाएंगे. प्रोजेक्ट 15बी गाइडेड मिसाइल के तीसरे स्टील्थ ड्रिस्ट्रॉयर द क्रेस्ट ऑफ यार्ड 12706 (इंफाल) का कल अनावरण किया जाएगा. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह और रक्षा मंत्रालय और मणिपुर सरकार के कई शीर्ष अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. भारतीय नौसेना ने बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है. बता दें कि युद्धक जहाज इंफाल लंबी दूरी की ब्रह्मोस मिसाइल दागने में भी सक्षम है. परीक्षण के दौरान इसका टेस्ट भी किया जा चुका है. गौरतलब है कि यह पहला युद्धक जहाज है, जिसका नाम उत्तर पूर्वी राज्य के शहर के नाम पर रखा गया है. 16 अप्रैल 2019 को राष्ट्रपति ने इसकी मंजूरी दी थी. भारतीय नौसेना ने बताया कि यह जहाज 23 दिसंबर 2023 को नौसेना में शामिल हो जाएगा.
जानें खासियत
द क्रेस्ट ऑफ यार्ड (इंफाल) प्रोजेक्ट 15बी गाइडेड मिसाइल ड्रेस्टॉयर सीरीज का तीसरा युद्धक जहाज है. इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा किया गया है. मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स ने नौसेना को 20 अक्तूबर 2023 को सौंप दिया था. जिसके बाद से इसके परीक्षण चल रहे थे.
बता दें कि ये परंपरा रही है कि भारतीय नौसेना में जहाजों, पनडुब्बियों का नाम देश के प्रमुख शहरों, पर्वत श्रंख्लाओं, नदियों और द्वीपों के नाम पर रखे जाते हैं.
इस युद्धक जहाज का डिजाइन भारतीय नौसेना के वारशिप डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है. भारत में बना यह जहाज दुनिया के आधुनिक युद्धक जहाजों में से एक है. इस जहाज में MR SAM, ब्रह्मोस SSM, तारपीडो ट्यूब लॉन्चर्स , एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स और 76एमएम री SRGM इस जहाज को दुश्मनों का काल बनाते हैं.
युद्धक जहाज इंफाल की लंबाई 164 मीटर और वजन 7500 टन से ज्यादा है. इंफाल में 312 क्रू मेंबर ठहर सकते हैं. यह 55 किलोमीटर प्रतिघंटे से भी ज्यादा रफ्तार से चल सकता है. बता दें कि 15बी या कहें कि विशाखापत्तनम श्रेणी के युद्धक जहाज पहले की 15ए या कोलकाता श्रेणी के युद्धक जहाजों से ज्यादा आधुनिक और तकनीकी तौर पर शक्तिशाली हैं. विशाखापत्तनम श्रेणी का पहला युद्धक जहाज 21 नवंबर 2021 को कमीशन हुआ था और दूसरा जहाज मोरमुगाओ 18 दिसंबर 2022 को नौसेना में कमीशन हुआ था. तीसरा इंफाल 23 दिसंबर को कमीशन होगा और चौथे युद्धक जहाज सूरत का अभी निर्माण कार्य चल रहा है.
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