रांची :कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए जीवन रक्षक दवा रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी मामले में अनुसंधान के दौरान यह खुलासा हुआ है कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स से रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी हुई थी। रिम्स की आंतरिक जांच में यहां के ट्रामा सेंटर में आउटसोर्स व्यवस्था के तहत प्रतिनियुक्त कक्ष सेविका सुषमा कुमारी पर इंजेक्शन चोरी का आरोप साबित हुआ है। उसने अपना जुर्म भी कबूल लिया है।
इसके बाद कक्ष सेविका सुषमा कुमारी के खिलाफ रिम्स के अधीक्षक डा. विवेक कश्यप ने बरियातू थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। यह प्राथमिकी 21 सितंबर की तिथि में दर्ज की गई है। सुषमा मूल रूप से पलामू की रहने वाली है। राज्य में अप्रैल व मई के महीने में कोरोना वायरस का संक्रमण तेज था। उस वक्त रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत हो गई थी। तब इस इंजेक्शन की कालाबाजारी भी खूब हुई।
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी मामले में झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर सीआइडी की विशेष जांच टीम (एसआइटी) पूरे मामले का अनुसंधान कर रही है। रिम्स से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की जानकारी मिलने पर एसआइटी ने ही रिम्स से रिपोर्ट मांगी थी। रिम्स की आंतरिक जांच में कक्ष सेविका सुषमा कुमारी को इंजेक्शन चोरी का दोषी पाया गया है। रेमडेसिविर की कालाबाजारी मामले में रांची में यह तीसरी प्राथमिकी है। इससे पूर्व कोतवाली व जगन्नाथपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है।
एसआइटी दाखिल कर चुकी है चार्जशीट
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी मामले का अनुसंधान कर रही एसआइटी ने अब तक इस मामले में कांके रोड निवासी राजीव सिंह, हिनू के सृष्टि अस्पताल के कर्मी मनीष सिन्हा के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। मामले का अनुसंधान अभी जारी है।