देवघर: विश्व प्रसिद्ध द्वादश ज्योर्तिलिंग बाबा बैद्यनाथ के शिवलिंग से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. मंदिर प्रशासन ने चोरी छिपे शिवलिंग और अरघा की मरम्मत करवा दी है. इसकी जानकारी पंडा धर्मरक्षिणी तक को नहीं दी गई. स्थानीय तीर्थपुरोहित भी इससे अनभिज्ञ हैं. इस बावत पंडा धर्मरक्षिणी सभा के उपाध्यक्ष चंद्रशेखर खवाड़े ने बताया कि मंदिर में प्रशासन धार्मिक भावनाओं को हताहत करते हुए आम जनमानस को बिना कुछ बताएं पौराणिकता और धार्मिक मान्यताओं के विपरीत कार्य कर रही है.
पंडा धर्मरक्षिणी सभा बैठक कर लेगी निर्णय
सभा इसका विरोध करती है और ऐसे कुकृत्यों की निंदा करती है. अभी पिछले दिनों बाबा बैद्यनाथ के शिवलिंग के अगल-बगल में छेड़छाड़ किया गया, जिसे बिना किसी सूचना के चोरी छुपे किया गया। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण और धर्म विरोधी कृत्य है. सोमवार को पंडा धर्मरक्षिणी सभा अपने पदाधिकारी के साथ बैठक कर इस विषय पर उचित निर्णय लेते हुए आगे बढ़ेगी.
चांदी या पारा से होना चाहिए मरम्मत : ठाकुर
पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पूर्व महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर ने बताया कि अरघा के चारों ओर की मरम्मत सीमेंट या एमसील से नहीं होना चाहिए. इसमें चांदी या पारा प्रयोग होना चाहिए, जो शास्त्र सम्मत है. सीमेंट और एमसील के प्रयोग से बाबा पर फुलेल लगाने से वह काला हो जा रहा है. क्योंकि हम लोग बाबा बैद्यनाथ को जीवंत मानते हैं.
डीसी ने कहा- एसडीओ करेंगे मामले की जांच
उधर, डीसी विशाल सागर ने पूरे मामले में संज्ञान लिया है और जांच का निर्देश दिया है. डीसी ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से बाबामंदिर के गर्भगृह में किए गए कार्यो से जुड़े मामले में संज्ञान लेते हुए मंदिर प्रभारी सह अनुमंडल पदाधिकारी देवघर को जांच कर प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया है. साथ ही मामले की त्वरित जांच करते हुए अपने कार्य के प्रति लापरवाही बरतने वाले कर्मियों पर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया हैं.