Joharlive Team
रांची : राज्य केे सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में सेमवार को एमबीबीएस छात्रों ने ओपीडी बाधित किया। जिसके कारण दूर-दराज से रिम्स पहुंचे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। छात्रों का कहना है कि एनएमसी बिल उनलोगों को भविष्य के साथ खिलवाड़ है। पिछले बुधवार को भी रिम्स समेत राज्य भर के निजी और सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद थी। हजारों मरीज बिना इलाज के लौट गए। अकेले रिम्स में 800 से अधिक मरीज बिना इलाज के लौटे।
एमबीबीएस छात्रों (फस्ट ईयर से लेकर फाइनल ईयर) के छात्र-छात्राअों की बैठक रविवार को ऑडिटोरियम में हुई। इसमें निर्णय लिया गया कि वे लोग सोमवार को ओपीडी नहीं चलने देंगे। कारण है कि एनएमसी बिल उनलोगों को भविष्य के साथ खिलवाड़ है। छात्रों ने रिम्स के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन और रिम्स टीचर्स एसोसिएशन से अनुरोध किया है कि वे लोग उनके आंदोलन को समर्थन दें।
3.5 लाख गैर-चिकित्सा शिक्षा प्राप्त लोगों को लाइसेंस मिलेगा
छात्रों की बैठक में कहा गया कि एनएमसी के कारण मेडिकल कॉलेजों के प्रबंधन 50 फीसदी से अधिक सीटों को ज्यादा दर पर बेच पाएंगे। बिल में मौजूद धारा-32 के तहत प्रावधान है कि करीब 3.5 लाख गैर-चिकित्सा शिक्षा प्राप्त लोगों को लाइसेंस मिलेगा। यानी नीम-हकीमी को बढ़ावा मिलेगा। बिल में कम्युनिटी हेल्थ प्रोवाइडर को सही से परिभाषित नहीं किया गया है।