रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से आज कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखंड के यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल हादसे से सुरक्षित रेस्क्यू किए गए झारखंड के 15 श्रमिकों और उनके परिजनों से मुलाकात की. मौके पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने श्रमिकों को 1 करोड़ 11 लाख रुपए से अधिक राशि की विभिन्न योजनाओं से जोड़ने का निर्देश दिया है.
‘मैं स्वयं आपके रोजगार और आपको दिए जाने वाले योजनाओं की मॉनिटरिंग करूंगा’
मुख्यमंत्री ने श्रमिकों को अबुआ आवास योजना, पेंशन योजना, आयुष्मान कार्ड, कृषि यंत्र, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, मनरेगा जॉब कार्ड, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, पशुशेड योजना, ग्राम गाड़ी योजना समेत अन्य योजनाओं से आच्छादित करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है. मुख्यमंत्री ने श्रमिकों से कहा कि कहा कि मैं स्वयं आपके रोजगार और आपको दिए जाने वाले योजनाओं की मॉनिटरिंग करूंगा.
श्रमिकों के नाम इस प्रकार हैँ
रांची आने वाले श्रमिकों में विश्वजीत कुमार वर्मा (गिरिडीह), सुबोध कुमार वर्मा (गिरिडीह), अनिल बेदिया (रांची) राजेंद्र वेदिया (रांची) सुकराम बेदिया (रांची), टिंकू सरदार (पूर्वी सिंहभूम), गुणधार नायक (पूर्वी सिंहभूम) रंजीत लोहार (पूर्वी सिंहभूम) रविंद्र नायक (पूर्वी सिंहभूम) समीर नायक (पूर्वी सिंहभूम) भुक्तु मुर्मू (पूर्वी सिंहभूम), महादेव नायक (पश्चिमी सिंहभूम), श्री चमरा उरांव (खूंटी), विजय होरो (खूंटी), गणपति होरो (खूंटी) शामिल हैं.
राज्य सरकार के पदाधिकरियों की टीम भेजी थी उत्तराखंड
मुख्यमंत्री ने मुलाकात करने पहुंचे सभी श्रमिकों से कहा कि श्रमिकों के साथ है राज्य सरकार. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने श्रमिकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए कई योजनाओं को शुरू किया है. जल्द देश के लगभग एक दर्जन राज्यों से एक इकरारनामा करने हेतु प्रस्ताव भेजा जाएगा. इस इकरारनामा के तहत प्रवासी मजदूरों को हमारी सरकार हरसंभव मदद कर सकेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को हुनरमंद बनाने के लिए राज्य सरकार काम कर रही है. विगत कुछ महीनों में ही युवाओं को हुनरमंद बनाकर कई निजी क्षेत्रों में हजारों नौकरियां दी गयी हैं. इसके साथ-साथ सरकार सरकारी नौकरियों के तहत भी नियुक्तियां दे रही है.
राज्यवासियों के लिए भी काफी चिंता और डरावना का समय रहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब आप श्रमिक भाइयों के टनल हादसे में फंसने की सूचना मिली तब आपके परिजनों के साथ-साथ पूरे राज्यवासियों के लिए भी काफी चिंता और डरावना का समय रहा. हम सभी लोग आपके सकुशल वापसी की प्रार्थना कर रहे थे. राज्य सरकार ने आपके सकुशल घर वापसी के लिए अधिकारियों की टीम को उत्तराखंड भेजने का काम किया. आप सभी को अधिक से अधिक राहत पहुंचाई जा सके. आपके परिजनों को कोई तकलीफ न हो इस निमित्त हमारे पदाधिकारी दिन-रात लगे रहे. मुख्यमंत्री ने श्रमिकों के साहस, धैर्य और बहादुरी की भी सराहना की.
मुख्यमंत्री ने श्रमिकों को दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि उत्तराखंड टनल हादसे में फंसे आप सभी श्रमिक सकुशल अपने राज्य एवं घर आ वापस आ गए हैं यह आपके परिवारजनों के साथ-साथ पूरे राज्यवासियों के लिए खुशी की बात है. मौके पर मुख्यमंत्री ने सभी श्रमिकों को अंग वस्त्र और शॉल भेंटकर अपनी ओर से शुभकामनाएं दीं.
सिलक्यारा टनल हादसे में 41 श्रमिक 16 दिनों तक फंसे रहे
मालूम हो कि गत 12 नवंबर के बाद उत्तराखंड के निर्माधीन सिलक्यारा टनल हादसे में 41 श्रमिक 16 दिनों तक फंसे रहे थे, जिन्हें विभिन्न रेस्क्यू टीमों द्वारा बड़ी मशक्कत के बाद वहां से निकाला गया. इस दौरान राज्य सरकार के अधिकारियों की एक टीम भी उत्तराखंड में मौजूद थी और वहां मौजूद श्रमिकों के परिवारजनों तथा फंसे हुए श्रमिकों की हरसंभव मदद कर रही थी.
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के मंत्री सत्यानंद भोक्ता, विधायक विनोद सिंह, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव श्री राजेश शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.