रांची: सरहद पर हमारे देश के जवान दुश्मनों के दांत खट्टे करने में कोई कसर नहीं छोड़ते. अपने शौर्य का लोहा मनवाते हुए शहीद भी जाते है ताकि हमारे देश पर कोई गंदी नजर न डाल सके. ऐसे ही एक नायक सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे है. जी हां, हम बात कर रहे है 1971 भारत- पाक युद्ध के उस सैनिक की जिसने अपनी छाती पर गोलियां खाई. वहीं दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए. इतना ही नहीं अपने देश का झंडा बुलंद किया. लेकिन आज खुद ही न्याय के लिए सरकार से गुहार लगा रहे है. कुछ ऐसा ही नजारा राजभवन के बाहर का है. जहां भारत-पाक युद्ध के गवाह पोदना बालमुचू पूरे परिवार के साथ 16 दिनों से न्याय के इंतजार में धरने पर बैठे है. लेकिन सरकार की तरफ से कोई प्रतिनिधि या अधिकारी झांकने तक नहीं आया.
परमवीर के साथ किया दुश्मनों का सामना
1971 में भारत-पाकिस्तान के युद्ध में दुश्मनों को हराने वाली बटालियन में शामिल पोदना बालमुचू ने परमवीर अल्बर्ट एक्का के साथ देश के दुश्मनों का सामना किया था. लेकिन आज न तो उन्हें सरकार से कोई मदद मिल रही है और न ही अधिकारी उनकी बात सुनने को तैयार है. यहीं वजह है कि हाड़ कंपाने वाली इस ठंड के बावजूद वह अपने पूरे परिवार के साथ राजभवन के पास धरने पर बैठे है. वहीं उन्होंने बहादुरी के लिए मिले मेडल भी साथ रखा है. जिसे देख शायद सरकार का दिल पसीज जाए.
अधिकारियों का रवैया उदासीन
वीरता के लिए मिले मेडल के साथ वह अपना हक मांग रहे है जिसका आश्वासन सरकार ने उन्हें दिया था. 5 एकड़ खेती के लिए जमीन और पेंशन देने की बात कही गई थी. लेकिन आजतक उन्हें कुछ भी नहीं मिला हैं. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद चाईबासा के अधिकारियों का रवैया उदासीन है. वहीं नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी, विधायक भानू प्रताप शाही, विधायक अमित मंडल ने उनसे मुलाकात की. साथ ही कहा कि विधानसभा सत्र में वे उनकी मांगों को प्रमुखता से उठाएंगे. वहीं सरकार से मांग करेंगे कि जिस सैनिक ने देश का मान बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी, कम से कम उनके साथ तो ऐसा न करे.
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