JoharLive Desk

नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए एक ही हाईकोर्ट होगा। मौजूदा कानून और सुनवाई भी पहले की तरह ही चलेगी। अब केंद्र के 108 कानून जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सीधे तौर पर लागू हो जाएंगे। जम्मू-कश्मीर के अपने 164 कानून निरस्त हो जाएंगे और 166 कानून राज्य के जारी रहेंगे। इसकी जानकारी जम्मू कश्मीर स्टेट ज्यूडिशियल एकेडमी के निदेशक राजीव गुप्ता ने दी है।
स्टेट ज्यूडिशियल एकेडमी की ओर से जम्मू संभाग के जिला सेशन जजों के लिए रविवार को रिफ्रेशर प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस मौके पर गुप्ता ने इसकी जानकारी दी। कबूलनामे और सह अपराधी की स्टेटमेंट में एप्रीसिएशन ऑफ एवीडेंस के विषय पर यह प्रोग्राम आयोजित था। इसी तरह मैनेजमेंट आफ कोर्ट बिजनेस, आईसीटी के इस्तेमाल और फाइलों के रखरखाव विषय पर जम्मू जिले की सहयोग अदालतों के सहायक स्टाफ के लिए प्रोग्राम आयोजित किया गया।

सेशन जजों को पूर्व जज जनक रात कोतवाल ने संबोधित किया। कहा कि एप्रीसिएशन ऑफ एवीडेंस के मामले में एवीडेंस एक्ट की जरूरत है। कहा कि इस तरह के मामलों में साफ समझ और जानकारी की आवश्यकता है। राजीव गुप्ता ने जजों को संबोधित करते हुए जम्मू कश्मीर पुनर्गठन एक्ट 2019 और कोर्ट में लंबित मामलों पर अपने विचार रखे।

साथ ही बताया कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश बनेगा और लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बनेगा। सहयोगी अदालतों के लिए आयोजित कार्यक्रम के बारे गुप्ता ने कहा कि यह सहयोग अदालतों के स्टाफ के लिए एक अवसर है। इस तरह के कोर्स उन्हें अपनी जानकारी और आशंकाएं दूर करने में मदद करते हैं। सीनियर अधिकारियों और स्टाफ से बर्ताव के गुर भी बताए।

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