नई दिल्ली : राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जानकारी देते हुए कहा कि राज्यसभा में संसद सत्र के दौरान हर शुक्रवार को नमाज के लिए मिलने वाले 30 मिनट के नियम को खत्म कर दिया है. बताते चले कि राज्यसभा में हर शुक्रवार को लंच ब्रेक 1 से 2:30 बजे तक होता था, जबकि लोकसभा में लंच ब्रेक 1 से 2:00 बजे तक होता है. राज्यसभा में अतिरिक्त आधा घंटा नमाज के लिए दिया जाता था.

डीएमके सांसदों ने राज्यसभा में उठाया मुद्दा

दरअसल, 8 दिसंबर को डीएमके सांसदों ने राज्यसभा में मुस्लिम सांसदों के लिए जुमे की नमाज के ब्रेक का मुद्दा उठाया. इस पर सभापति धनखड़ ने बताया कि 60-70 साल से चले आ रहे नियम में बदलाव हो चुका है. लोकसभा की तरह ही अब राज्यसभा में नमाज के लिए ब्रेक नहीं दिया जाएगा. डीएमके सांसद तिरुची शिवा ने कहा कि आमतौर पर शुक्रवार के दिन सभा का कामकाज लंच ब्रेक के बाद 2.30 बजे शुरू होता है, लेकिन संशोधित कार्यक्रम के अनुसार ये 2 बजे से ही है. यह निर्णय कब लिया गया, इस बारे में सदन के सदस्य नहीं जानते, यह बदलाव क्यों हुआ? इस पर सभापति ने कहा कि यह  बदलाव पहले ही मेरी ओर से किया जा चुका है. लोकसभा में कार्यवाही 2 बजे से होती है. लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही संसद का हिस्सा हैं. काम के समय में समानता हो, इसलिए मैंने पहले ही इस बारे में नियम बना दिए थे.

‘इसमें कुछ भी नया नहीं’

उपराष्ट्रपति के इस स्पष्टीकरण पर डीएमके के मुस्लिम सांसद एम. मोहम्मद अब्दुल्ला ने नाराजगी जताई. अब्दुल्ला ने कहा, ‘सर, हर शुक्रवार को मुस्लिम सदस्य नमाज पढ़ने के लिए जाते हैं. इसलिए इस दिन सदन शुरू करने के लिए 2.30 बजे का समय निर्धारित है. सभापति ने उनकी बात सुनने के बाद बैठने को कहा कि लोकसभा के साथ एकरूपता करने के लिए एक साल पहले ही सदन के समय में बदलाव कर दिया गया था. इसमें कुछ भी नया नहीं है.’

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