रांची: लूट की शिकायत करने वाला एक शख्स ही सलाखों के पीछे पहुंच गया. वहीं रांची पुलिस ने लूट को अंजाम देने वाले भी तीन अपराधियों को भी गिरफ्तार कर लिया है. पूरा मामला स्प्रिट के लूट और शराब के अवैध कारोबार से जुड़ा है. इस मामले में पुलिस ने कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.
क्या है पूरा मामला
10 जुलाई की शाम दीपू दास नाम का एक व्यक्ति परेशान हालात में रांची के चान्हो थाना पहुंचा और थानेदार बादल दास को बताया कि वह सब्जी भरे पिकअप वैन को लेकर बिहार के औरंगाबाद जा रहा था. इसी दौरान बुलेट सवार तीन अपराधियों ने उससे हथियार के बल पर सब्जी भरा पिकअप वैन लूट लिया और मारपीट कर उसे सड़क किनारे छोड़ फरार हो गए. मामले की जानकारी मिलने के बाद आनन-फानन में थानेदार ने अपने वरीय अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी जिसके बाद लूटपाट करने वाले अपराधियों की तलाश शुरू हुई. जांच में पुलिस को यह पता चला कि इस लूट कांड को रेहान खान नाम के अपराधी ने अपने साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया है. पुलिस ने छापेमारी कर रिहान खान के साथ उसके दो और साथी शकील खान और मोहम्मद सद्दाम को भी धर दबोचा पूछताछ के दौरान जब चार अपराधियों ने यह खुलासा किया कि उन्होंने ही पिकअप वैन लूटा था.
तलाशी के दौरान निकला सब्जी में रखा स्प्रिट
पिकअप वैन बरामद करने के बाद जब पुलिस ने उसकी तलाशी ली तो वो चौंक गए, दरअसल सब्जी में छिपाकर 45 गैलन स्प्रीट रखे गए थे. पुलिस को अब पूरा मामला समझ में आ गया था, दरअसल दीपू दास झारखंड से शराब बनाने का कच्चा सामान बिहार ले जाता था और वहां के तस्करों को सप्लाई करता था. आनन-फानन में पुलिस ने लूट की शिकायत करने वाले दीपू दास को धर दबोचा और जब उससे कड़ाई से पूछताछ हुई तब उसने बताया कि वह रांची इटकी के रहने वाले एकरामुल से स्प्रिट खरीदकर बिहार के शराब तस्करों को सप्लाई करता था. सब्जी के बोरो के नीचे वह स्प्रिट को छिपाता था और फिर बड़े आराम से उसे बिहार पहुंचा देता था. दीप कुमार दास के बयान के बाद पुलिस ने इटकी में छापेमारी कर एकरामुल को भी गिरफ्तार कर लिया.
सब्जी नही सिर्फ स्प्रिट लूटने की थी योजना
शराब तस्कर दीपू दास और एकरामुल हक को जब लूट में शामिल तीनों अपराधियों के साथ पूछताछ की गई तब सारा मामला खुल कर सामने आया. असल में लूटपाट करने वाले तीन अपराधी सब्जी की लूट करने नहीं आए थे. क्योकि उन्हें अच्छी तरह से पता था कि सब्जी के आड़ में स्प्रिट का कारोबार हो रहा है. सब्जी की कीमत तो मात्र 30 से 40 हजार रुपये थी जबकि जो स्क्रिप्ट उसके अंदर था उसकी कीमत बाजार में 3 लाख रुपए अधिक है.
नेटवर्क खंगाल रही पुलिस
रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि शराब तस्करों का एक बड़ा गिरोह पूरे मामले के पीछे है. रांची से अवैध स्प्रिट सब्जी के आड़ में बिहार भेजा जाता है और फिर वहां पर उसे मिलाकर शराब का निर्माण कर बिहार में अलग-अलग स्थानों पर बेचा जाता है. रांची पुलिस की एक टीम बिहार के औरंगाबाद में जाएगी ताकि पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके.