रांची : राज्य सरकार की पहल पर रांची शहर के रिंग रोड स्थित झिरी में दो बड़ी योजनाएं प्रगति पर है. जिसमे गेल इंडिया द्वारा 150 मीट्रिक टन के दो बायोगैस प्लांट का निर्माण करा रही है. वहीं 33 एकड़ में डंप 18 लाख मीट्रिक टन लीगेसी वेस्ट के डिस्पोजल के लिए भी काम जारी है. इसके तहत पांच एकड़ में एक अस्थाई प्लांट का निर्माण किया जाएगा. इसके बाद दो सालों में झिरी से कूड़े का पहाड़ खत्म हो जाएगा.
ग्रीन लैंड में बदलेगा झिरी
गुरु रामदास कंस्ट्रक्शन के प्रतिनिधियों को निदेश दिया गया है कि जल्द से जल्द इक्विपमेंट्स का इंस्टालेश पूर्ण करते हुए वेस्ट डिस्पोजल का काम शुरू करें. उन्होंने टीम के सभी सदस्यों से कहा कि यह परियोजना रांची शहर के लिए मील का पत्थर साबित होगा. साथ ही निकट भविष्य में कूड़े के पहाड़ को ग्रीन लैंड में परिवर्तित होते हुए देखने का अनुभव सभी शहरवासियों के लिए सुखद होगा. गुरु रामदास के प्रतिनिधियों की माने तो बायोरेमिडिएशन तकनीक के माध्यम से लीगेसी वेस्ट का डिस्पोजल किया जाएगा. ट्रोमेल का इंस्टालेशन किया जा रहा है जो मार्च 2024 के अंत तक चालू हो जाएगा.
मार्च में चालू होगा बायोगैस प्लांट
वहीं गेल इंडिया के प्रतिनिधियों ने बताया कि प्लांट मार्च महीने से शुरु हो जायेगा. इसके बेहतर आउटपुट के लिए रांची शहर से निकलने वाले गीले कचरे की आवश्यकता हैं. इसलिए घरों से प्रतिदिन गीला सूखा कूड़ा अलग अलग दिया जा रहा है. रांची नगर निगम झिरी में प्रतिदिन 150 मीट्रिक टन गीला कचरा भेजने के लिए प्रयासरत हैं.
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