दरभंगा: केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने रेलवे स्टेशन पार्सल ब्लास्ट मामले की जांच एनआईए ने शुरू कर दी है. एनआईए की टीम ने दरभंगा स्टेशन पहुंचकर ब्लास्ट से जुड़ी हर पहलू को खंगाला. सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, दहशतगर्दी के इस खेल को खेलने का नापाक मंसूबा सरहद के पार पाकिस्तान से ISI के इशारे पर रचा गया था.
क्या थी प्लांनिग और इसे अंजाम तक पहुंचाने वाले वो कौन थे, इस बात की तफ्तीश की जा रही है. इस बीच बड़ी खबर यह है कि दरभंगा ब्लास्ट मामले की जांच में यह पता लगा है कि जिस नंबर से पार्सल बुक किया गया था जब उसकी सीडीआर खंगालने पर एक बड़ी जानकारी सामने आई है.
मिली जानकारी के अनुसार एनआईए, बिहार एटीएस और UP ATS के जांच में यह पता लगा है कि एक नया मोबाइल नंबर, जिससे लगातार पार्सल बुक करने वाले नंबर पर बात होती थी, वो नंबर धमाके के दौरान दरभंगा जंक्शन पर एक्टिव था. जब नंबर का टावर लोकेशन डंप किया गया तो फिलहाल वह नंबर नेपाल से सटे इलाके में एक्टिव बताया जा रहा है. बता दें कि बीते 17 जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन पर एक पार्सल में ब्लास्ट हो गया था जो सिकंदराबाद स्टेशन से दरभंगा के लिए बुक किया गया था.
जांच एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, दहशतगर्दो के इस खेल के अनुसंधान के दौरान कई बातें जांच एजेंसियों के सामने आई हैं. मगर जो बात सबसे बड़ी लीड के तौर पर हाथ आई वह यह थी कि पार्सल बुक करने वाला शख्स का मोबाइल नंबर है. मोबाइल नंबर ने ही इस नापाक मंसूबे की प्लांनिग को जांच एजेंसियों के सामने ला दिया. इस ब्लास्ट के लिये जिस हाईडेंसिटी केमिकल का इस्तेमाल किया गया था उसे दरभंगा तक पहुंचाने के लिये दहशतगर्दों ने मात्र 296 रुपये खर्च किया था.
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