Joharlive Desk
नई दिल्ली। कोरोना महामारी और कई अन्य बड़ी घटनाओं के कारण लोगों के लिए ग्रहण साबित हुआ साल 2020 आखिर खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है। इस साल का आखिरी चंद्रग्रहण 30 नवंबर को लगने जा रहा है। ये उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा। विज्ञान में ग्रहण को एक खगोलीय घटना के रूप में देखा जाता है जबकि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से ग्रहण को अशुभ माना जाता है। ग्रहण में लगने वाला सूतक का विचार किया जाता है।
इस समय दिखेगा चंद्रग्रहण का प्रभाव
उपच्छाया से पहला स्पर्श- 30 नवंबर 2020 की दोपहर 1 बजकर 04 मिनट पर
परमग्रास- चन्द्र ग्रहण 30 नवंबर 2020 की दोपहर 3 बजकर 13 मिनट पर
उपच्छाया से अन्तिम स्पर्श- 30 नवंबर 2020 की शाम 5 बजकर 22 मिनट पर।
ये होता है उपच्छाया चंद्रग्रहण
उपच्छाया चंद्रग्रहण ऐसी स्थिति को कहा जाता है जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया न पड़कर उसकी उपच्छाया मात्र पड़ती है। इसमें चंद्रमा पर एक धुंधली सी छाया नजर आती है। ऐसे मे पृथ्वी की उपच्छाया में प्रवेश करने से चंद्रमा की छवि धूमिल दिखाई देने लगती है।
इन राशियों और नक्षत्र में लगेगा चंद्रग्रहण
ज्योतिष गणना के अनुसार, चंद्रग्रहण वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र में लगेगा जिसके कारण वृष राशि के जातकों पर ग्रहण का सर्वाधिक प्रभाव देखने को मिलेगा। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, ग्रहण के दौरान वृष राशि के जातकों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
अमेरिका के भी कुछ हिस्सों में दिखाई देगा चंद्रग्रहण
साल का आखिरी चंद्रग्रहण एशिया के कुछ देशों के साथ अमेरिका के कुछ हिस्सों में भी देखा जा सकेगा। इसके अलावा यह ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में भी दिखाई देगा।