Patna : बिहार विधानसभा का बजट सत्र आज यानी शुक्रवार से शुरू हो गया। आगामी चुनाव होने से पहले यह 17वें विधानसभा का अंतिम बजट सत्र है। नीतीश सरकार इस बजट को आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए पेश कर रही है। वहीं विपक्ष कानून व्यवस्था, BPSC, नौकरी-रोजगार समेत कई अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। पहले दिन गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे हैं। उनके अभिभाषण के बाद उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री सम्राट चौधरी आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगे। इधर, नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद सात नवनियुक्त मंत्री सदन में पहली बार सदन मौजूद हैं।
महागठबंधन के विधायकों ने सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा परिसर में हाथ में हथकड़ी लगाकर प्रदर्शन किया। विपक्ष के विधायक ने कहा कि भारतीय का अमेरिका में अपमान हुआ है। अमेरिका ने भारतीयों के साथ अन्याय किया है। इस पर मोदी सरकार ने चुप्पी साध ली है।
विपक्ष के हंगामे के बीच गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान का अभिभाषण शुरू हो गया। गवर्नर का दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित कर रहे हैं। गवर्नर बिहार सरकार की उपलब्धित गिना ही रहे हैं कि विपक्ष (भाकपा माले) के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस पर राज्यपाल ने उनसे आग्रह किया कि संबोधन खत्म होने के बाद आप सदन में आपलोग सदन में अपनी बात रखिएगा। फिर भी विपक्ष ने बात नहीं मानी तो राज्यपाल ने मर्यादा में रहने की नसीहत दी।
विधानसभा लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है
गवर्नर ने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है, जहां जनहित से जुड़े विषयों पर गहन विचार-विमर्श होता है। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि सदन की मर्यादा और गरिमा को बनाये रखें। स्वस्थ बहस और तर्क-वितर्क लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन यह आवश्यक है कि चर्चा मर्यादित और परिणामपरक हो। मैं सभी सदस्यों से अपील करता हूँ कि वे अपने बहुमूल्य सुझाव और विचार सदन में रखें ताकि जनहित में ठोस निर्णय लिए जा सके। साथ ही मैं सभी माननीय सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वे सदन में अनुशासन और शिष्टाचार बनाए रखें। किसी भी मुद्दे पर असहमति को तर्कसंगत और मर्यादित भाषा में प्रस्तुत किया जाए, जिससे सदन की गरिमा बनी रहे।
गवर्नर ने कहा कि नई सरकार बनने के बाद से ही राज्य में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काफी विकास हुआ है। राज्य में बड़ी संख्या में सड़कों और पुल-पुलियों का निर्माण कराया गया है। राजधानी तक सुदूर इलाकों से पहुंचने का लक्ष्य पांच घंटा कर लिया गया है। सरकार ने बिहार में महिला सशक्तिकरण पर विशेष जोड़ दिया है। पंचायती राज, नगर निकायों में 50 प्रतिशत और सभी सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया जा रहा है। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफी कम दी थी। अब समूहों की संख्या की 10 लाख 63 हजार हो गई है। इसमें जीविका दीदियों की संख्या एक लाख 41 हजार से अधिक है। बिहार सरकार ने शुरू से ही वंचित वर्गों के लिए काम किया। इन्हें मुख्य धारा में जोड़ने के लिए कई योजना चला रही है।
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