रांची। हाईकोर्ट में मंगलवार को झारखंड सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई हुई। मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि झारखंड में वर्ष 2016 के बाद से जेटेट की परीक्षा क्यों नहीं ली गई? कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को एक सप्ताह में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 20 जून निर्धारित की है।

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए जेटेट परीक्षा से संबंधित हाईकोर्ट में दायर अन्य याचिकाओं को भी इस याचिका के साथ संलग्न कर इसकी सुनवाई एक साथ करने का निर्देश दिया. प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार, अधिवक्ता कुशल कुमार, विशाल कुमार ने पैरवी की।

बता दें कि प्रार्थी ने राज्य सरकार को जेटेट परीक्षा शीघ्र लेने का आदेश देने का आग्रह कोर्ट से किया है. प्रार्थी ने याचिका में कहा है कि बीते 7 वर्षों से झारखंड में जेटेट की परीक्षा आयोजित नहीं हो रही है. प्रार्थी ने प्रार्थना की है कि सीटेट को भी जेटेट की तरह झारखंड में मान्यता दी जाए, क्योंकि राज्य सरकार जेटेट की परीक्षा कराने में पिछले 7 साल में असफल रही है।

ऐसे में सीटेट पास अभ्यर्थियों की उम्र सीमा भी धीरे-धीरे खत्म हो रही है. प्रार्थी की ओर से यह भी कोर्ट को बताया गया हे कि वर्ष 2016 के बाद से राज्य में जेटेट की परीक्षा नहीं ली गई है, याचिका में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार वर्ष 2016 के बाद से बिना जेटेट की परीक्षा लिए शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है जिससे करीब चार लाख अभ्यर्थी शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में शामिल होने से से वंचित हो जाएंगे। यहां यह भी बता दें कि सूरज बिहारी मंडल एवं अन्य की ओर से भी सीटेट परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की गई है।

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