Joharlive Team
रांची। गैंगस्टर अनिल शर्मा द्वारा जेल से मोबाइल पर कॉल कर कारोबारियों से रंगदारी मांगने मामले में पुलिस-जेल प्रशासन आमने-सामने है। एक तरफ जहां झारखंड पुलिस की दो जांच एजेंसी विशेष और सीआईडी शाखा ने अनिल शर्मा की गतिविधियों नजर रखते हुए रिपोर्ट की थी। वही जेल प्रशासन ने गैंगस्टर अनिल शर्मा को क्लीन चिट दे दिया है। दोनों जांच एजेंसी ने अनिल शर्मा की गतिविधियों की रिपोर्ट की थी। जिसमें बताया गया था कि अनिल शर्मा दुमका जेल में बैठ कर रेलवे के ठेको के लिए रंगदारी मांग रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए रांची पुलिस ने अनिल शर्मा के गुर्गे डब्लू शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था। अब पूरे मामले में दुमका जेल प्रशासन ने एक जांच कर रिपोर्ट दुमका एसपी व गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग को भेजा है। जिसमें अनिल शर्मा को जेल प्रशासन ने क्लीनचीट दे दिया है। वही, अपनी रिपोर्ट में जेल प्रशासन ने लिखा है कि अनिल शर्मा को सुरक्षा कारणों से 23 जुलाई 2017 को हजारीबाग से दुमका कारा लाया गया था। यहां उसे कारा प्रकोष्ठ में रखा गया है। कारा प्रकोष्ट में विशेष चौकसी होती है। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि कारा के बूथ से अनिल शर्मा अपने परिजनों से घरेलू बातचीत भर करता है। इसकी रिकार्डिंग भी सुनी जा सकती है। इस रिकार्डिंग में धमकी दिए जाने संबंधी कोई बात नहीं है। जेल अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि जब इस संबंध में अनिल शर्मा से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसके असमय कारा मुक्ति का मामला हाईकोर्ट एवं राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद के समक्ष है। ऐसे में वह कोई गलती नहीं कर सकता।

डब्लू को अपना गुर्गा बताने से अनिल शर्मा का इनकार

जेल अधीक्षक ने अपने रिपोर्ट में बताया कि अनिल शर्मा से रेलवे से रंगदारी मांगने व डब्लू शर्मा के संबंध में पूछताछ की गई। तब अनिल शर्मा ने इसे सरासर गलत बताया। अनिल शर्मा ने बताया कि वह किसी डब्लू शर्मा को नहीं जानते। साथ ही रांची पुलिस द्वारा रंगदारी मांगने की बात से भी इंकार किया। जेल प्रशासन ने अपने रिपोर्ट में भी लिखा है कि जेल में अनिल शर्मा ने किसी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं किया। जेल में औचक छापेमारी के दौरान भी कहीं मोबाइल नहीं मिलने की बात रिपोर्ट में है।

पुलिस को मिली थी जानकारी

राज्य पुलिस की विशेष शाखा और सीआईडी को जानकारी मिली थी कि दुमका जेल में अनिल शर्मा मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रंगदारी की मांग करता है। इसमें उसका गुर्गा डब्लू शर्मा भी शामिल है। दोनों एजेंसियों की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी गई थी। जिसके बाद रांची पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए डब्लू शर्मा समेत अन्य अपराधियों को गिरफ्तार किया था। डब्लू शर्मा की गिरफ्तारी के बाद दुमका के एसडीपीओ पूज्य प्रकाश को जेल में जांच के लिए भेजा गया था। जांच में पूज्य प्रकाश ने पाया था कि जेल में अबतक टू जी जैमर ही लगे हैं। ऐसे में अपराधी आसानी से थ्री जी और फोर जी नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे में जैमर को अपग्रेड करने की सिफारिश भी एसडीपीओ ने की थी।

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