Joharlive Desk
नई दिल्ली। बरसात में फसल खराब होने और डीजल की महंगाई से मालभाड़ा बढ़ने के चलते बीते एक महीने में देश की राजधानी दिल्ली में आलू और प्याज को छोड़ बाकी हरी सब्जियों की कीमतें दोगुनी हो गई है। इसी प्रकार देश के अन्य प्रमुख शहरों में भी सब्जियों और फलों के दाम में इजाफा हुआ है जिससे गृहणियों की रसोई का बजट बिगड़ गया है। दिल्ली के मंडावली इलाके में रहने वाली गृहिणी सारिका कहती हैं कि कोरोना महामारी के संकट काल में एक तरफ लोगों की नौकरियां जा रही हैं और जो लोग नौकरी में हैं उनके में कटौती की जा रही है वहीं सब्जी और दाल जैसी खाने-पीने की चीजों की कीमतें बढ़ गई हैं जिससे रसोई चलाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि सब्जियों की कीमतों में बीते एक महीने में करीब दोगुना इजाफा हो गया है जिससे रसोई का बजट बिल्कुल बिगड़ गया है।
कारोबारियों की माने तो सब्जियों के दाम में फिलहाल गिरावट आने की गुंजाइश नहीं है क्योंकि बरसात के दौरान फसल खराब होने के कारण आवक कम हो रही है। इस हफ्ते आलू के थोक दाम में भी वृद्धि दर्ज की गई।
चैंबर ऑफ आजादपुर फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट एम. आर. कृपलानी ने कहा कि एक तो बरसात के कारण सब्जियों की आवक कम हो रही है, वहीं डीजल की कीमतों में वृद्धि होने से सब्जियों और फलों के परिवहन की लागत बढ़ गई है जिसका असर कीमतों में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में फलों और सब्जियों की कीमतों में गिरावट की गुंजाइश नहीं दिख रही है।
ग्रेटर नोएडा के खुदरा सब्जी विक्रेता रायदास ने कहा कि सब्जियों के दाम में हुई वृद्धि से कभी-कभी घाटा उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सब्जियां महंगी आ रही है और बरसात के कारण खराब भी ज्यादा हो रही है, जिससे नुकसान झेलना पड़ता है।
सात जून से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि का सिलसिला शुरू हुआ। हालांकि पेट्रोल की कीमत बीते एक पखवाड़े से स्थिर है लेकिन डीजल के दाम में शुक्रवार को भी वृद्धि दर्ज की गई जिससे जून से लेकर अब तक देश की राजधानी दिल्ली में डीजल कीमत करीब 12 रुपये लीटर बढ़ गई है।
डीजल की कीमत में वृद्धि का असर मालभाड़े में पड़ने के बारे में पूछने पर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के महासचिव नवीन गुप्ता ने कहा कि बेशक डीजल के दाम में वृद्धि का असर मालभाड़ा पर बढ़ा है, मगर उन्हीं सेक्टरों में मालभाड़ा बढ़ा है जहां परिवहन की मांग लगातार बनी हुई है। जाहिर है कि सब्जियों के परिवहन की जरूरत रोजाना की है इसमें मांग हमेशा बनी रहती है। गुप्ता ने कहा कि जहां परिवहन की मांग बनी हुई है वहां मालभाड़ा में 10 फीसदी की वृद्धि हुई है।