Joharlive Team
रांची। अखबार मालिक सह बिल्डर अभय सिंह से 2 करोड़ रंगदारी मांगने मामले में रांची पुलिस ने सफलता हासिल की है। पुलिस टीम ने घटना में शामिल चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अपराधियों में रवि रंजन पांडेय, फिरोज अंसारी, अमित उरांव और कुलदीप गोप शामिल है। उक्त जानकारी एसएसपी सुरेन्द्र कुमार झा ने आज प्रेसवार्ता में दी। उन्होंने कहा कि तीन अपराधी को चिरौंदी बस्ती स्थित एक घर से पकड़ा गया है। वहीं, चौथे अपराधी को गुमला स्थित रायडीह से पकड़ा गया है। जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि जमशेदपुर, घाघीडीह जेल में बंद कुख्यात सुजीत सिन्हा के इशारे पर रंगदारी और जान मारने की नीयत से फायरिंग हुई थी। इस मामले में संलिप्त अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम प्रयासरत है। इनलोगों के पास से पुलिस को एक देशी कार्बाइन, एच् ई ग्रनेड, 9एमएम का 14 पीस जिंदा गोली, 7.65 एमएम का 14 पीस जिंदा गोली, 4 मोबाइल, दो बाइक समेत अन्य सामान शामिल है।
15 अगस्त की दोपहर अपराधियों ने कार्यालय में की थी फायरिंग
बाइक सवार दो अपराधियों ने 15 अगस्त की दोपहर अभय सिंह के ऑफिस में फायरिंग किया था। इसमें ऑफिस गार्ड प्रकाश कुमार बाल-बाल बच गया था। फायरिंग करने के बाद अपराधी बोरिया की तरफ भागे थे। दोनों अपराधी पल्सर बाइक से हेलमेट लगा कर पहुंचे थे।
सुजीत सिन्हा के नाम पर अभय सिंह से मांगा था रंगदारी
बीते 6 अगस्त को अभय कुमार सिंह को व्हाट्सअप कॉल कर दो करोड़ की रंगदारी मांगी गई थी। रंगदारी मांगने वाले ने वर्चुअल नंबर से मैसेज किया था। जिसमें खुद को कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा गैंग का मयंक सिंह बताया था। रंगदारी के लिए मैसेज मिलने के बाद अभय सिंह ने बरियातू थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी।
पीडब्ल्यूडी इंजीनियर वाला हाल करने की दी थी चेतावनी
रंगदारी के लिए किए गए मैसेज में कहा गया था कि रंगदारी नही मिलने और मोराबादी में पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर समरेंद्र प्रसाद के साथ जो हुई थी वही अंजाम भुगतना होगा। वर्चुअल नंबर से मैसेज करने के बाद दो बार अपराधियों ने वाट्सएप्प कॉल भी किया था। ना कि अभय सिंह ने संबंधित कॉल रिसीव नहीं किया था। पुलिस को आशंका है कि सुजीत सिन्हा के इशारे पर ही इस तरह की घटना का अंजाम दिया गया है। पुलिस जेल से कनेक्शन जोड़कर पूरे मामले की जांच कर रही है।