Joharlive Desk
नई दिल्ली । देश की राजधानी दिल्ली में रविवार को देश भर के दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों के स्वदेशी उत्पादनों के 26वें हुनर हाट का आगाज हुआ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि, ये सभी लोग देश की आर्थिक स्थिति में भी अपनी भूमिका निभा सकते हैं। सरकार का लक्ष्य है ग्रामीण उद्योग के वार्षिक कारोबार को 80 हजार करोड़ से बढ़ा कर अगले 2-3 वर्षों में 5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचाना। दरअसल अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा स्वदेशी दस्तकारों, शिल्पकारों के 26वें हुनर हाट का आयोजन वोकल फॉर लोकल थीम के साथ 20 फरवरी से 1 मार्च तक किया जा रहा है।
उन्होंने इस दौरान कहा कि, मैं जानता हूं कि ये विडंबना है कि इस समय ग्रामीण उद्योग को जो प्रोत्साहन मिलना चाहिए था, वो नहीं मिला। कला अथवा श्लिप के विकास के लिए ग्रामीण उद्योग को उतना तवज्जो नहीं मिल पाया है। यहां पर बहुत सारे सामान गांव और छोटे माहौल में बनकर यहां के स्टॉल पर लगे हैं।”
उन्होंने कहा, हमारी सरकार इस पर विशेष तवज्जो दे रही है, हम इसका विकास करना चाहते हैं। अभी तक विलेज इंडस्ट्री का जितना टर्नओवर है, वह लगभग 80 हजार करोड़ का है। हमारी सरकार का लक्ष्य है कि हम 2-3 वर्षों में इसे लगभग 5 लाख करोड़ तक पहुंचाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर ध्यान दिया है।
दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित इस हुनर हाट में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल सहित देश के 31 से अधिक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से 600 से अधिक दस्तकार, शिल्पकार, कारीगर शानदार स्वदेशी उत्पादों के साथ शामिल हो रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने आगे कहा, मुझे लगता है कि हुनर हाट देश भर के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों का न केवल एक साझा मंच है बल्कि यह हमारी समृद्ध कला, संस्कृति और परंपरा की अभिव्यक्ति भी है। प्रधानमंत्री जी ने वोकल फॉर लोकल का आह्वान किया है, जो हमारे आत्मनिर्भर भारत के सपने का आधार है। मैं मानता हूं कि हुनर हाट जैसे आयोजन इसको बहुत बल देते हैं।
उन्होंने कहा, हमारे दस्तकारों, शिल्पकारों और कारीगरों ने आपदा में अवसर की भावना को सही मायनों में समझते हुए कोरोनावायरस के चलते देशव्यापी लॉकडाउन में मिले समय का सदुपयोग कर हुनर हाट की उम्मीद में बड़ी तादाद में हस्तनिर्मित सामग्री को तैयार किया जो आज यहां प्रदर्शित हो रहे हैं।