नई दिल्ली: अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा है जिसको लेकर जोरों शोरों से तैयारी की जा रही है. सोमवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मंदिर के लिए चयन किए गए मूर्ति की पुष्टि कर दी है. बता दें कि कर्नाटक के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई गई रामलला के बाल स्वरूप मूर्ति का चयन किया गया है. चंपत राय ने जानकारी देते हुए बताया कि कृष्णशिला पर बनाई गई मूर्ति का वजन 150 से 200 किलोग्राम होगा. उन्होंने बताया कि पुरानी मूर्ति मंदिर परिसर में ही रहेगी और नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 16 जनवरी से शुरू होकर 22 जनवरी तक चलेगी. जहां मूर्ति को पीएम नरेंद्र मोदी के द्वारा गर्भ गृह में स्थापित किया जाएगा.

15 दिनों तक फोन से रखा गया था दूर 

राम मंदिर के लिए मूर्ति बनाने से पहले मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज ने उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर में शंकराचार्य की मूर्ति बनाई है. साथ ही उन्होंने इंडिया गेट पर सुभाष चंद्र बोस की भी प्रतिमा का निर्माण किया है. चंपत राय ने बताया कि इस दौरान राम मंदिर के लिए तीन मूर्तिकारों ने मूर्ति बनाई थी. जिसमे अरुण योगीराज की बनाई गई प्रतिमा का चयन किया गया. मूर्ति के निर्माण के वक्त मूर्तिकारों को 15 दिनों तक मोबाईल फोन से दूर रखा गया था.

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