रांची. नगर निगम द्वारा सैकड़ों मकानों और भवनों को तोड़ने के आदेश देने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट के निर्देश के बाद अब एक ट्रिब्यूनल बना दिया गया है. कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि रांची नगर निगम ने जिन मकानों या भवनों को अवैध निर्माण बताकर तोड़ने का आदेश दिया है, उनकी सुनवाई के लिए सरकार एक सुनवाई प्राधिकार बनाए. इस आदेश का पालन करते हुए राज्य सरकार ने शुक्रवार को एक रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार के तहत के एक ट्रिब्यूनल बना दिया है, जिसके चेयरमैन ज़िला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार होंगे.
रांची में अपर बाज़ार इलाके के मकानों व भवनों समेत 63 साल पुराने चिकित्सा संस्थान नागरमल मोदी सेवासदन को तोड़े जाने का मामला तूल पकड़ चुका है. इस मामले में झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के आवेदन पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को हाई कोर्ट ने कहा था कि इन मामलों में कुदरती न्याय होना चाहिए. कोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर ट्रिब्यूनल बनाने का आदेश दिया था, जिसके चलते रांची में एक दिन के भीतर ही आदेश का पालन किया गया.
चैंबर ऑफ कॉमर्स से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि रांची में 50 साल से भी पुराने कई भवन हैं, जो उस समय बने थे, जब निगम के नियम नहीं थे और भवनों के निर्माण के लिए नक्शे आदि मंज़ूरियां नहीं लेनी होती थीं. यही नहीं, निगम के भीतर भी जनप्रतिनिधि इस मामले को लेकर निगम के आदेशों के विरोध में दिख चुके हैं. उप महापौर संजीव विजयवर्गीय ने भी इन तमाम भवनों का रेग्युलराइज़ेशन करवाने की बात कही थी, बजाय इन्हें तोड़ने के.
अब ताज़ा खबरों के मुताबिक ट्रिब्यूनल में इन मामलों की सुनवाई हो सकेगी. टीओआई ने अपनी रिपोर्ट में राज्य शहरी विकास सचिव विनय चौबे के हवाले से कहा कि एक सिटिंग जज को सुनवाई के लिए नियुक्त किया गया है और कोर्ट के आदेशों के जल्द पालन के लिए हर कदम उठाया जा रहा है.