रांची : पूर्व मंत्री सह कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कारोबारी विष्णु अग्रवाल की मुलाकात पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री और झारखण्ड में सेना की जमीन की अवैध खरीद-बिक्री के साथ ही अनेक संदेहास्पद ज़मीन सौदे के आरोपी विष्णु अग्रवाल के बीच हुई मुलाकात के बाद भारतीय जनता पार्टी का अवांछित और छुपा हुआ चेहरा फिर से सामने आ गया. उन्होंने कहा कि झारखण्ड में भ्रष्टाचार के जितने भी मामले सामने आये हैं उन सभी की गहराई से और निष्पक्षता के साथ जांच होनी चाहिये. संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के जो नेता अपने आप को बहुत अधिक ईमानदार और महामानव बताते हैं वे बाबूलाल मरांडी जी भी उस बेहद चर्चित और विवादास्पद मुलाकात में साथ में हैं. इससे साफ-साफ पता चलता है कि भारतीय जनता पार्टी का भ्रष्टाचार के मामले में दोहरा रवैया है. न केवल उसकी कथनी और करनी में अंतर है बल्कि, स्थिति अधिक दुर्भाग्यपूर्ण हो गयी है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को सभी लोगों के सामने विष्णु अग्रवाल जैसे लोगों के साथ निर्मला सीतारमण के साथ मुलाकात में भी परहेज नहीं है.
ईडी वित्त मंत्रालय के अधीन
बंधु तिर्की ने दोहराया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) वित्त मंत्रालय के अधीन ही है, जिसकी मंत्री निर्मला सीतारमण है. निर्मला-विष्णु एवं बाबूलाल की इस मुलाक़ात का मतलब हर समझदार व्यक्ति को नज़र आ रहा है. कुछ दिन पहले कांग्रेस विधायक दल के नेता और संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम के आप्त सचिव के नौकर के घर पर जब ईडी की छापेमारी हुई तो उसके बाद भाजपा नेताओं ने तत्काल उन्हें आरोपी ठहराना शुरू कर दिया. लेकिन विष्णु अग्रवाल के मुद्दे पर उनका क्या कहना है जो खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत पर बहुत मुश्किल से बाहर निकले हैं. कायदे से होना तो यह चाहिये कि जिस प्रकार से ईडी ने विष्णु अग्रवाल को आरोपी बनाया है उसमें उनकी मुलाकात वित्त मंत्री से होनी नहीं चाहिए थी. लेकिन उस मुलाकात के दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के मौजूदगी यह प्रमाणित करती है कि यह मुलाकात पहले से तय थी.
दागियों के मामले कमजोर करती हैं बीजेपी
भाजपा की वहीं मानसिकता है जिसमें अपनी पार्टी में किसी भी दागी को शामिल करवाने के बाद उसके मामले को कमजोर या बंद कर देती है. किसी अवांछित लेनदेन आदि के बाद मामले को कमजोर कर दिया जाता है. बंधु ने कहा कि भाजपा को केवल अपने चश्मे से झारखण्ड और यहां के लोगों को देखने के बाद आना चाहिये. क्योंकि एक ओर प्रधानमंत्री लव जिहाद और लैंड जिहाद जैसी बातें करते हैं. वहीं दूसरी ओर ऐसे आरोपियों के साथ केन्द्रीय वित्त मंत्री की तस्वीर बहुत कुछ साबित कर देती है. उन्होंने कहा कि यदि भाजपा, संथाल में डेमोग्राफी की बातें करती है तो उन्हें अपनी उन्हीं आंखों से रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो जैसी जगहों को भी देखना चाहिये. जहां आदिवासियों की आबादी लगातार घटती जा रही है और वे विस्थापन और पलायन के शिकार हो रहे हैं. वही दूसरी ओर बिहार, उत्तर प्रदेश से आये लोग शहर में कब्जा करते जा रहे हैं, जिसका नकारात्मक प्रभाव आदिवासियों की सभ्यता-संस्कृति के साथ ही उनकी आर्थिक एवं सामाजिक व्यवस्था पर भी पड़ रहा है.