रांची: यूनिसेफ की पहल से विश्व बाल दिवस के अवसर पर बच्चों ने राजभवन में आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता ‘रिइमेजनिंग द फ्यूचर इन अ पोस्ट कोविड वर्ल्ड’ में पेंटिंग प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया. इस मौके पर राज्यपाल रमेश बैस ने बाल पत्रकारों के साथ संवाद स्थापित कर मनोबल बढ़ाते हुए उन्हें प्रमाण पत्र दिया.
राज्यपाल ने बाल पत्रकारों से संवाद स्थापित करते हुए कहा कि कोरोनाकाल ने लोगों को चुनौती में जीना सिखाया. उन्होंने कहा कि भारत युवाओं का देश है और हम वासुधैव कुटुम्बकम की राह पर चलते हैं. इसलिए कहीं भी वाद-विवाद नहीं होना चाहिए. बेहतर माहौल में प्रगति के पथ पर अग्रसर रहना चाहिए.
बाल पत्रकारों ने कोरोना महामारी के दौरान अपनी समस्याओं और चुनौतियों से अवगत कराया. बच्चों ने ऑनलाइन क्लास की समस्या के संदर्भ में अवगत कराते हुए कहा कि स्मार्टफोन का अभाव और नेटवर्क की समस्या का सामना करना पड़ा. बाल पत्रकारों ने कहा कि ऑनलाइन क्लास में समझने में भी समस्या होती थी. बच्चों ने कहा कि ऑनलाइन क्लास में विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ा. बच्चों ने बताया कि स्कूल जरूर खुल गए हैं लेकिन पहले की तरह पढ़ाई नहीं हो पा रही है. बाल पत्रकारों ने राज्यपाल से आग्रह किया कि स्कूलों में कोई भी टीकाकरण के साथ-साथ खेलकूद की गतिविधि बढ़ाने की व्यवस्था होनी चाहिए.
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना की भयावहता को वही जानता है जिनके परिवार के किसी सदस्य को कोरोना हुआ है. किसी ने अपने परिवार के सदस्य को खोया भी. उन्होंने कहा कि सभी लोगों को कोरोना के नियमों का पालन स्वयं के लिए करना है.
राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि हमारे बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. हर बच्चे में कोई न कोई प्रतिभा होती है. उसे निखार कर बच्चों का सर्वांगीण विकास किया जा सकता है. राज्यपाल ने कहा कि आज बहुत से परिवार अर्थाभाव के कारण बच्चों को मजदूरी के लिये भेज देते हैं. शिक्षा से वंचित रखते हैं. इस दिशा में हम सभी को ध्यान देने की जरूरत है. कार्यक्रम में यूनिसेफ के प्रमुख प्रसांता दास और कम्यूनिकेशन ऑफिसर आस्था अलंग सहित यूनिसेफ के अधिकारीगण मौजूद थे.