हजारीबाग : राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने रानी झाँसी परेड ग्राउंड,  मेरू,  हजारीबाग में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के सहायक प्रशिक्षण केंद्र द्वारा आयोजित 9 नवंबर को दीक्षांत परेड में नव आरक्षकों (बैच संख्या 163 और 164) को संबोधित किया. इस दौरान राज्यपाल महोदय ने नव प्रशिक्षित जवानों को उनके समर्पण, साहस और अनुशासन के लिए बधाई दी और उनकी मेहनत की सराहना की.

राज्यपाल ने जवानों के परिवारजनों को भी बधाई दी, यह मानते हुए कि जवानों की सफलता उनके परिवारों के समर्थन और प्रेरणा के बिना संभव नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा कि भारतीय सीमा की सुरक्षा और देश की सेवा में जवानों का समर्पण अनमोल है  और उनके संघर्ष के कारण ही हम सुरक्षित महसूस करते हैं.

सैन्य बल का गौरवमयी इतिहास

अपने संबोधन में राज्यपाल ने सीमा सुरक्षा बल के गौरवमयी इतिहास का उल्लेख किया, विशेष रूप से 1971 के भारत-पाक युद्ध में इस बल की अहम भूमिका को याद किया. उन्होंने बल के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके सर्वोच्च बलिदान को अविस्मरणीय बताया और कहा कि उनका साहस हमेशा प्रेरणास्रोत रहेगा.

बीएसएफ के नए कांस्टेबल को दिया यह संदेश

राज्यपाल ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि उनकी भी सेना में जाने की इच्छा थी, लेकिन कुछ कारणों से वह सेना में नहीं जा सके. उन्होंने भारतीय सेना में जो राष्ट्रप्रेम और अनुशासन का जज़्बा देखा है, वह कहीं और नहीं पाया जा सकता. नव आरक्षकों को कठिन परिस्थितियों में भी साहस और कर्मठता के साथ हर चुनौती का सामना करने और बल की प्रतिष्ठा को ऊँचाइयों तक पहुंचाने की प्रेरणा दी. राज्यपाल ने कहा कि इस उच्च स्तरीय प्रशिक्षण के माध्यम से नव आरक्षकों का व्यक्तित्व और कार्यकुशलता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी, जिससे वे सीमा सुरक्षा बल में अपनी विशिष्ट पहचान बना सकेंगे. उन्होंने दीक्षांत परेड के सफल आयोजन के लिए प्रशिक्षकों और जवानों को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं.

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