रांची: रिम्स में सस्ती और ब्रांडेड जेनेरिक दवा मरीजों को उपलब्ध कराने वाले दवाई दोस्त को रिम्स और झारखंड सरकार से कोई राहत मिलता नहीं दिख रहा है. 20 अगस्त से रिम्स में दवाई दोस्त को बंद करने का निर्देश दिया गया है. इससे नाराज दवाई दोस्त के संचालक ने राज्यभर में दवाई दोस्त को बंद करने की चेतावनी दी है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री, रिम्स प्रबंधन और सत्ताधारी दल जेएमएम ने जो बयान दिया है उससे साफ हो गया है कि दवाई दोस्त को कोई नहीं मिलने वाली है.
बिना सहमति के चल रहा था दवाई दोस्त- रिम्स प्रबंधन
रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ डीके सिन्हा ने कहा कि बिना रिम्स के जीबी से पारित कराए यह संभव नहीं है कि दवाई दोस्त को यहां चलने दिया जाए. उन्होंने कहा कि गरीब जरूरतमंदों को कोई दिक्कत नहीं हो इसलिए प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के तहत फार्मेसी खोला जा रहा है.
किसी की धमकी से नहीं बदल सकता नियम और कायदे
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सरकार नियम और कायदे के आधार पर काम करती है. सिर्फ कोई संस्था किसी बात को लेकर धमकी दे दे तो नियम और कायदे नहीं बदल जाते. वहीं जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने दवाई दोस्त के संचालक की ओर से सभी दुकानों को बंद कर देने की धमकी पर कहा कि सरकार नियम के अनुसार ही फैसला लेगी.
जनता चाहती है सस्ती दवा खरीदना
दवाई दोस्त रिम्स में 1500 से ज्यादा तरह की ब्रांडेड दवा 85 % डिस्काउंट पर उपलब्ध कराती है, जिसका लाभ गरीबों को मिलता है. इसलिए जनता चाहती है कि यह चलता रहे. रिम्स प्रबंधन भले की जन औषधि केंद्र के तहत फार्मेसी खोलनी की बात कहे, लेकिन हकीकत यह है कि वहां दवाएं सीमित मात्रा में ही उपलब्ध रहती है.