पटनाः 27 अक्टूबर 2013 को राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले में 8 साल बाद सभी नौ आतंकियों को उनके किए की सजा मिल गई है. एनआईए कोर्ट के इस फैसले के बाद जहां बम ब्लास्ट में मारे गए लोगों के परिवार वालों को इंसाफ मिला. वहीं दोषियों की परेशानी बढ़ गई है. उम्र कैद और फांसी की सजा पाने वाले कैदी अब जेल के अंदर सदमे में नजर आ रहे हैं. खबर ये भी मिली है कि इन कैदियों ने ठीक से खाना पीना भी छोड़ दिया है.

आतंकियों की सजा मुकर्रर होने के बाद सभी कैदियों को राजधानी पटना के बेउर जेल के स्पेशल सेल में रखा गया है. इन्हें कैदी नंबर भी दे दिया गया है. अब सजायाफ्ता कैदियों को उनके नंबर से ही बुलाया जा रहा है. खबर ये भी मिली है कि फांसी की सजा पाने वाले कैदी ठीक से खाना पीना भी नहीं खा रहे हैं और काफी निराश हैं.

गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले में फांसी की सजा पाने वाले बंदी के सेल के अंदर कोई बिजली का कनेक्शन या फिर पंखे की व्यवस्था नहीं रहती है. जिस वजह से इनके सेल में यह व्यवस्था नहीं की गई है. बेउर जेल के सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार सजायाफ्ता कैदी ढंग से खाना पीना भी नहीं खा रहे हैं.

गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले में सभी 9 आतंकियों अब जेल में सिले गए कैदी की ड्रेस को ही पहन रहे हैं. फांसी की सजा मिले आतंकियों में नोमान अंसारी को कैदी नंबर 11288, हैदर अली उर्फ अब्दुल्ला उर्फ ब्लैक ब्यूटी को कैदी नंबर 10350, मोहम्मद मुजीब उलाह को कैदी नंबर 10304, और इम्तियाज अंसारी उर्फ आलम को कैदी नंबर 10306 से पुकारा जा रहा है.


इसके अलावा उम्र कैद की सजा वाले कैदी में उमर सिद्दीकी को 10307 और अजहर उद्दीन कुरैशी को 10308 कैदी नंबर दिया गया है. 10 साल के सजायाफ्ता कैदी में मोहम्मद हुसैन को 11291 और फिरोज आलम उर्फ़ पप्पू को 11290 और 7 साल की सजा पाने वाले इस्तेखार आलम को कैदी नंबर 11289 दिया गया है. बेउर जेल के विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बेउर जेल के अंदर और बाहरी सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है.

बता दें कि 27 अक्टूबर 2013 को भाजपा की हुंकार रैली के दौरान सिलसिलेवार तरीके से बम धमाका हुआ था. जिस समय गांधी मैदान में बम धमाका हुआ था, उस समय नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के तमाम बड़े नेता वहां मौजूद थे. आतंकवादियों द्वारा सिलसिलेवार कई बम विस्फोट किये गये थे. जिसमें 6 लोगों की मौत हुई थी. वहीं करीब 84 लोग घायल हुए थे. उसी दिन पटना जंक्शन पर भी विस्फोट किया गया था.

इस मामले में एनआईए ने जांच कर 21 अगस्त 2014 को कुल 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. जिसके बाद एनआईए की टीम ने इस मामले में हैदर अली, नोमान अंसारी, मो. मुजिबुल्लाह अंसारी, मु. इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, मो. फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मो. इफ्तिकार आलम, अजहरुद्दीन कुरैसी और तौफिक अंसारी को गिरफ्तार किया था. आठ साल पहले हुए इस धमाका मामले में एनआईए कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद दोषी पाए गए सभी आतंकियों को सजा दी गई है.

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