उत्तरकाशी: पिछले 16 दिनों से सिलक्यारा सुरंग के अंदर जिंदगी की जंग लड़ रहे 41 श्रमिकों के सुरक्षित बाहर आने की प्रार्थना पूरे देश में की जा रही है. इस बीच टनल के बाहर दिखी बाबा भोलेनाथ की आकृति चर्चे में है. बता दें कि सुरंग के ठीक बाहर स्थापित बाबा बौखनाग मंदिर के पीछे पानी के रिसाव के कारण एक आकृति बनी है जिसे स्थानीय लोग भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा बता रहें हैं. इसकी तस्वीरें और वीडियो देखते-देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.

बता दें कि बाबा बौखनाग का मंदिर ठीक सुरंग के बाहर है. जिस वक्त सुरंग का निर्माण शुरू हुआ था, उस समय मंदिर को उसके मूल जगह से हटाकर सुरंग के अंदर स्थापित किया गया था. हालांकि टनल में हुए हादसे के बाद मंदिर को दोबारा पहले वाली जगह पर स्थापित कर दिया गया है. अब भगवान शिव की आकृति दिखाई देने के बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे कर्मचारी और स्थानीय लोग बाबा बौखनाग की पूजा-अर्चना कर रहे हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि बाबा बौखनाग सिलक्यारा क्षेत्र के ईष्ट देवता हैं. मंदिर के अंदर भगवान नागराज की प्रतिमा है. इलाके के लोगों में ऐसी मान्यता है कि बाबा बौखनाग इलाके के रक्षक हैं.

बता दें कि उत्तरकाशी के यमुनोत्री इलाके में बन रही सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था. इसके कारण टनल में काम कर रहे 41 श्रमिक अंदर फंस गए. उन्हें बाहर निकालने के लिए कई एजेंसियों द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है.

इधर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव पी के मिश्रा और उत्तराखंड के मुख्य सचिव एस एस सन्धु घटनास्थल पर चल रहे बचाव कार्यों की समीक्षा के लिए सोमवार को सिलक्यारा पहुंचें. उन्होंने सुरंग में फंसे श्रमिकों से बात कर उनका हालचाल भी लिया.

 

 

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